Narco Terrorism In J&K: उपराज्यपाल सिन्हा बोले- नारको टेरेरिज्म युवाओं को मुख्यधारा से विमुख करने का षड़यंत्र
समाज में नशीले पदार्थाें के प्रति जागरुकता बहुत जरुरी है। उन्होंने मिशन से जुड़े सभी हितधारकों को बधाई दी और कहा कि अभियान के तहत चुने गए जम्मू-कश्मीर के दस जिलों ने अब तक बहुत अच्छे और आशाजनक परिणाम दिखाए हैं।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने नशाखोरी के खिलाफ सभी से एकजुट हो समाज को नशामुक्त बनाने और गुमराह युवकों को मुख्यधारा में वापस शामिल कर नार्काे टेरेरिज्म को मुहंतोड़ जवाब देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के युवाओं को मुख्यधारा से विमुख रखने के लिए एक सुनियोजित षडयंत्र के तहत उन्हें नशे में धकेलने के प्रयास हा रहे हैं। वह आज यहां शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में नशामुक्त अभियान भारत के अंतर्गत आयोजित एक पुरस्कार वितरण समारोह को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए संबोधित कर रहे थे।समारोह की अध्यक्षता केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डा वीरेंद्र सिंह ने की।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि नशीले पदार्थाें का सेवन आज पूरी दुनिया के सामने सबसे बड़ी सामाजिक समस्या के रुप में उभरा है। यह हमारे सामाजिक ताने-बाने को नुक्सान पहुंचाने के साथ ही मानवता के लिए भी खतरा बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि यहां जम्मू कश्मीर में भी एक सुनियोजत षडयंत्र के तहत स्थानीय युवाओं को मुख्यधाराा से दूर रखने के लिए नशाखोरी को बढ़ावा दिया जा रहा है,लेकिन प्रदेश सरकार नशा उन्मूलन व पुनर्वास कार्यक्रमों, जनजागरुकता अभियानों और नशा कारोबारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के जरिए नशीले पदार्थाें व दवाओं के सेवन की इस बुराई को समाप्त करने की दिशा में पूरी संकल्पबद्धता के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि तीन लाख युवाओं, 2.7 लाख महिलाओं और पांच सौ से ज्यादा शिक्षण संस्थानों जम्मू कश्मीर को नशा मुक्त बनाने के प्रदेश सरकार के प्रयासों को मजबूती दी है।
उन्होंने युवाओं का नशे के खिलाफ अभियान को कामयाब बनाने और जम्मू कश्मीर के विकास में भागीदार बनने व अन्यों के लिए आदर्श बनने का आह्वान करते हुए कहा कि मुझे जम्मू कश्मीर के युवाओं की क्षमता में पूरा विश्वास है। हम वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों की विकास के प्रति आकांक्षाओं को आपस में जोड़ते हुए एक ऐसे समाज का निर्माण करना चाहते हैं जिसमें जम्मू कश्मीर का युवा विकास और खुशहाली का नेतृत्व कर रहा हो।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र कमोदी ने नशे की बड़ती प्रवृत्ति को राेकने के लिए वर्ष 2018 में ड्रग डिमांट को घटाने के लिएजो राष्ट्रीय कार्ययोजना तैयार की, उसका इस बाुराई को समाप्त करने में बड़ा असर हो रहा है। उन्होंने समाज को नशामक्त बनाने के लिए एक सामुदायिक स्तर पर एक बहुआयामी योजना लागू करने पर जोर देते हुए कहा मादक पदार्थाें के बड़ते इस्तेमाल को राेकने के लिए हम सभी मिलकर प्रयास करने होंगे। इस अभियान में पंचायत और वार्ड स्तर पर स्थापित किए गए युवा क्लब बडे मददगार साबित हो सकते हैं।
उन्होंने राजौरी,किश्तवाड़, बडगाम में ग्राम सभाओे और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओंके जरिए नशाखोरी के खिलाफ सफल जनजागरुकता अभियानों के संचालन पर भी प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होेने इस अवसर पर सभी जिला उपायुक्तों को नशा उन्मूलन के नाम पर चलाए जा रहे फर्जी केंद्रों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
इस अवसर पर केंद्रीय केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डा वीरेंद्र सिंह ने समारोह में उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए कहा कि नशीने पदार्थाे का सेवन समाज के लिए एक बड़ा अभिशाप है। नशा किसी भी समाज और राष्ट्र को बरबाद कर सकता है। इसे समाज में मादक द्रव्यों और पदार्थों के इस्तेमाल को रोकने में जनसहयोग सर्वाेपरि है। नशामुक्त भारत का सपना सिर्फ संबधित मंत्रालय और संबधित एजेंसियों द्वारा वास्तविकता में नहीं बदला जा सकता,इसे वास्तविकता बनाने के लिए जन सहयोग जरुरी है।
समाज में नशीले पदार्थाें के प्रति जागरुकता बहुत जरुरी है। उन्होंने मिशन से जुड़े सभी हितधारकों को बधाई दी और कहा कि अभियान के तहत चुने गए जम्मू-कश्मीर के दस जिलों ने अब तक बहुत अच्छे और आशाजनक परिणाम दिखाए हैं। उन्होंने समाज को नशामुक्त बनाने मे जन प्रतिनिधियों, पंचायत संस्थानों, स्थानीय नागरिक समाज और एनजीओ की भूमिका पर भी रोशनी डाली।
केंद्र सरकार में सामाजिक न्याय और अधिकारिता सचिव राधिका चक्रवर्ती ने अपने संबोधन में बताया कि देश में मादक द्रव्यों के सेवन के बारे में कोई आधिकारिक डेटा उपलब्ध नहीं था और तभी सरकार ने समस्या की गंभीरता को समझने के लिए एक सर्वेक्षण करने का फैसला किया। इसी सर्वे के बाद पता चला कि देशभर में छह करोड़ से अधिक लोग मादक द्रव्यों का सेवन कर रहे हैं। इनमें 1.2 करोड़ की 18 वर्ष से कम उम्र के किशोर हैं।
नशामुक्त भारत अभियान के तहत सर्वश्रेष्ठ जिला उपायुक्त वर्ग में जिला उपायुक्त अनंतनाग डा पीयुष सिंगला, जिला उपायुक्त बडगाम शहबाज अहमद मिर्जा और जिला उपायुक्त राजौरी राजेश शवन को क्रमश. पहला,दूसरा व तीसरा पुरस्कार प्रदान किया गया है। इसी प्रकार गैर सरकारी संगठनों की श्रेणी में कल्चरल एजूकेशनल आर्गेनाईजेशन बडगाम ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया, जबकि अली स्पोर्ट्स अकादमी, बांडीपोरा और हयूमन वेल्फेयर वालिंटियर आर्गेनाइजेशन न पुलवामा ने क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया।
इसी तरह, कालेज श्रेणी में डिग्री कॉलेज अनंतनाग ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया । इस अवसर पर नशा मुक्त समाज सुनिश्चित करने की दिशा में विभिन्न विभागों के प्रयासों और कार्यों का दस्तावेजीकरण करने वाली एक पुस्तिका भी जारी की गई।