निकाय और पंचायत चुनावों पर संशय
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य के प्रमुख राजनीतिक दल नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक प
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य के प्रमुख राजनीतिक दल नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी द्वारा पीछे हटने के बाद स्थानीय निकाय और पंचायत चुनावों को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। राज्य प्रशासन ने अगस्त के अंत में निकाय चुनाव पहली से पांच अक्टूबर के बीच संपन्न कराने और पंचायत चुनाव प्रक्रिया आठ नंवबर से चार दिसंबर तक कराने का एलान किया है, लेकिन अभी तक इनके लिए कोई औपचारिक अधिसूचना या अंतिम कार्यक्रम घोषित नहीं किया है। हालांकि प्रशासन ने चुनाव करवाने के लिए उच्चस्तरीय कमेटी का गठन जरूर किया है।
राज्य में इससे पहले कि स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर गहमा गहमी शुरू होती, नेशनल कांफ्रेंस ने अनुच्छेद 35ए के संरक्षण का मुद्दा उठाते हुए कहा कि जब तक केंद्र इस विषय में अपना पक्ष साफ नहीं करेगा, वह चुनाव में भाग नहीं लेगी। इसके बाद पीडीपी ने भी 35ए पर स्थिति के स्पष्ट होने तक और राज्य में सुरक्षा परिदृश्य में सुधार तक चुनावों से दूर रहने का संकेत दिया है। दो प्रमुख राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव प्रक्रिया के बहिष्कार की चेतावनी के बाद चुनावों को लेकर लगभग सभी गतिविधियां ठप होकर रह गई हैं। कांग्रेस भी इन चुनावों को लेकर कहीं सक्रिय नजर नहीं आ रही है। मौजूदा परिस्थितियों में सिर्फ भाजपा और आल जम्मू एंड कश्मीर पंचायत कांफ्रेंस ही चुनावों को लेकर इच्छुक दिख रही हैं।
स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां पूरी रियासत में कहीं नजर नहीं आ रही हैं। सरकारी तंत्र पर जरूर थोड़ी बहुत गतिविधियां शुरू हुई हैं और चुनाव ड्यूटी पर लगाए जाने वाले अधिकारियों की ट्रे¨नग भी हो रही है, लेकिन इससे आगे कोई बड़ी प्रशासनिक गतिविधि नजर नहीं आ रही हैं।
स्थानीय निकाय चुनाव में राज्य प्रशासनिक परिषद के चुनाव कराने के फैसले के मुताबिक अब करीब 22 दिन ही शेष रह गए हैं, लेकिन राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय की तरफ से इन चुनावों को लेकर कोई अधिसूचना या इन चुनावों की अंतिम तिथि भी घोषित नहीं हुई है। इस संदर्भ में जब मुख्य निर्वाचन अधिकारी शालीन काबरा से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो वह उपलब्ध नहीं हो पाए।
कश्मीर मामलों के विशेषज्ञ मुख्तार अहमद ने कहा कि पीडीपी और नेकां ने चुनावों से दूर रहने का एलान किया है और कांग्रेस ने भी कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है। इसके अलावा कश्मीर में सुरक्षा परिदृश्य भी कोई ज्यादा बेहतर नहीं है। लोग डरे हुए हैं, ऐसे हालात में चुनाव अक्तूबर माह में होंगे, नहीं लगता। फिलहाल इन चुनावों के टलने के ही आसार नजर आते हैं।
-------------------- 11 को फैसला लेंगे चुनाव लड़ेंगे या बहिष्कार : कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान जीए मीर ने कहा कि निकाय चुनाव में एक महीने से भी कम समय रह गया है। अभी तक अधिसूचना जारी नहीं हुई है। हमें सरकार के चुनाव करवाने पर शंका हो रही है। मीर ने कहा कि क्या चुनाव के लिए माहौल अनुकुल है, इसके लिए जमीनी सतह पर जायजा लिया जाना चाहिए था। पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई जाती, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। अब उच्च स्तरीय कमेटियां बनाई गई हैं। कहीं ऐसा न हो कि बारिश, बर्फबारी या कोई अन्य बहाना बनाकर चुनावों को टाल दिया जाए। उन्होंने कहा कि 11 सितंबर को कांग्रेस ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है, जिसमें पार्टी के विधायक, एमएलसी, सभी वरिष्ठ नेता भाग लेंगे। हम व्यापक विचार विमर्श करने के बाद यह फैसला करेंगे कि क्या कांग्रेस चुनाव लड़ेगी या बहिष्कार करेगी।
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