बड़ी वारदात की फिराक में घुसा लश्कर का आतंकी दबोचा
निसार बीते साल 12 नवंबर को कुल्लन गुंड गांदरबल में अपने एक साथी संग सुरक्षाबलों की घेराबंदी में भी फंस गया था। तब मुठभेड़ में वह बच निकला था लेकिन उसका दूसरा साथी जो पाकिस्तानी था मारा गया था। निसार का एक ओवरग्राउंड वर्कर रईस अहमद लोन भी कुछ ही दिन पहले पकड़ा गया था।
क्रॉसर
सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में दो बार बचकर निकल चुका था आतंकी निसार डार
सुरक्षा एजेंसियों ने पांच लाख रुपये का रखा था इनाम, साथियों की तलाश जारी
-------
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में बड़े आतंकी हमले के लिए टार्गेट की निशानदेही के लिए घुसे लश्कर-ए-तोइबा के आतंकी निसार अहमद डार को सुरक्षाबलों ने शनिवार की तड़के गिरफ्तार कर लिया। इस साल श्रीनगर में किसी आतंकी के पकड़े जाने का यह पहला मामला है। फिलहाल, सुरक्षाबलों ने श्रीनगर में सक्रिय निसार के अन्य साथियों की धरपकड़ के लिए तलाशी अभियान चला रखा है।
उत्तरी कश्मीर मे बांडीपोरा जिले के बहावोपोरा का रहने वाला निसार अहमद डार वर्ष 2018 से लश्कर में सक्रिय है। सी-श्रेणी में सूचीबद्ध निसार पर सुरक्षा एजेंसियों ने पांच लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है। उसे सेना की 13 आरआर और राज्य पुलिस विशेष अभियान दल (एसओजी) के संयुक्त कार्य दल ने बोन एंड ज्वाइंट अस्पताल बरजुला के पास तड़के सवा दो बजे पकड़ा है।
निसार बीते साल 12 नवंबर को कुल्लन गुंड, गांदरबल में अपने एक साथी संग सुरक्षाबलों की घेराबंदी में भी फंस गया था। तब मुठभेड़ में वह बच निकला था, लेकिन उसका दूसरा साथी जो पाकिस्तानी था, मारा गया था। निसार का एक ओवरग्राउंड वर्कर रईस अहमद लोन भी कुछ ही दिन पहले पकड़ा गया था। सूत्रों ने बताया कि निसार चार से पांच दिन पहले भी गांदरबल में सुरक्षाबलों की घेराबंदी से बच निकला था। इसके बाद वह श्रीनगर आया था।
सूत्रों ने बताया कि निसार ने सुरक्षाबलों को देखते ही भागने का प्रयास किया था, लेकिन इस बार वह कामयाब नहीं हुआ। श्रीनगर में उसके साथ आए उसके अन्य साथियों की तलाश की जा रही है। शुरुआती पूछताछ में उसने गांदरबल, बांडीपोरा और श्रीनगर में सक्रिय लश्कर के कुछ आतंकियों और छह ओवरग्राउंड वर्करों के नाम व उनके नेटवर्क के बारे में कई अहम जानकारियां दी हैं। लश्कर के डिवीजनल कमांडर बिल्लू का है करीबी
राज्य पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने निसार अहमद डार की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि वह श्रीनगर में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के मकसद से आया था। वह बांडीपोरा और उसके साथ सटे इलाकों में सक्रिय लश्कर के दुर्दात डिवीजनल कमांडर सलीम अहमद पर्रे उर्फ बिल्लू के करीबियों में एक है। उसके खिलाफ वर्ष 2016 से लेकर अब तक करीब आठ एफआइआर दर्ज हैं। वह दो बार पीएसए के तहत भी जेल में बंद रह चुका है। पहली बार उस पर पीएसए वर्ष 2016 में लगाया गया था और अदालत के हस्तक्षेप पर वह रिहा हो गया था। वर्ष 2017 में भी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के आधार पर उसे पीएसए के तहत बंदी बनाया गया था। जेल से छूटने के कुछ ही समय बाद वर्ष 2018 में वह लश्कर में पूरी तरह सक्रिय हो गया था।