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कश्मीरी संगीतकारों ने छेड़ी कोरोना मुक्ति की तान, जज्बा और संदेश लोगों के लिए एक सबक

एक ओर जहां कई राज्यों में लोग कोरोना से जंग को कमजोर करने में जुटे हैं वहीं कश्मीरी कलाकार संगीत के जरिये जागरूकता अभियान चला रहे हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 22 Apr 2020 08:46 AM (IST)Updated: Wed, 22 Apr 2020 08:48 AM (IST)
कश्मीरी संगीतकारों ने छेड़ी कोरोना मुक्ति की तान, जज्बा और संदेश लोगों के लिए एक सबक
कश्मीरी संगीतकारों ने छेड़ी कोरोना मुक्ति की तान, जज्बा और संदेश लोगों के लिए एक सबक

रजिया नूर, श्रीनगर। वाकई, संगीत में करिश्माई ताकत है, जो बात शब्दों में बयां न हो सके, समझाई ना जा सके, उसे संगीत के जरिये रूह तक उतारा जा सकता है। कश्मीर में इन दिनों यही काम स्थानीय कलाकार-संगीतकार कर रहे हैं। उन्होंने कोरोना को लेकर लोगों को जागरूक करने की अनोखी मुहिम छेड़ रखी है। हर कोई संगीत से लोगों को इस महामारी से बचाव के उपाय बता रहा है। जागरूकता और बचाव के संगीतमय तरीके से लोगों में कोरोना का खौफ छूमंतर होता भी दिख रहा है। उत्साहजनक नतीजे देख पुलिस-प्रशासन भी कलाकारों का साथ दे रहा है।

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कश्मीर के प्रसिद्ध गायक सोशल मीडिया पर अपने गाए गीत वायरल कर लोगों से कोरोना से बचाव के उपाय साझा करने के साथ ही मानसिक तनाव दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्हें भरोसा दिला रहे हैं कि हालात जल्द ठीक हो जाएंगे, संयम और सब्र से काम लें। प्रसिद्ध कश्मीरी गायक राजा बिलाल का कश्मीरी गीत येलिह आसिह जिंदगी बेयिह आइस करव मुलाकात... (जिंदगी होगी तो फिर मुलाकात करेंगें), प्रसिद्ध गायक वहीद जीलानी का गीत- यिह दोद कासिह खोदाह (खुदा यह बीमारी दूर करेगा), आदिल मंजूर का गीत विज विज साबिन अथह पुठकाव, पोंदि विजि चाइंटिस पलवाह थाव... (बार- बार साबुन से हाथ धोएं, मुंह को ढक कर रखें) इन दिनों घर-घर में सुनाई दे रहा है। अधिकांश लोगों ने इन गीतों को अपनी हैलो ट्यून के रूप में सेट कर लिया है।

स्थानीय निवासी बशीर अहमद, आफताब व मुहम्मद शफी ने कहा, ऐसे गीत सुनकर लगता है कि हम कोरोना से जंग में अकेले नहीं हैं। हम इससे मिलकर निपट लेंगे। कला, संस्कृति व भाषा अकादमी भी संगीत के माध्यम से कोरोना से बचाव का संदेश दे रही है। रंगमंच से जुड़े कलाकारों के माध्यम से छोटे नाटक करवाकर और उन पर गीत फिल्माकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। अकादमी द्वारा तैयार किया गया गीत त्राव नेरुन तिह फेरुन वतन बाया... (भाई घर से निकल घूमना फिरना बंद कर दो) भी लोगों की जुबान पर है। अकादमी के सचिव मुनीरुल इसलाम ने कहा, यह समय की जरूरत और हमारा फर्ज भी कि हम संगीत के माध्यम से लोगों को इस महामारी के प्रति जागरुक करें।

रामबन जिले के पुलिस अधीक्षक हसीबुर रहमान ने भी कोरोना योद्धाओं को सलाम करते हुए हुए गीत गाया है। ...मेरे मौला करम हो करम, दवा से दुआ असर करती है हालात मुश्किल हैं सही, मगर हमारे हौसले कभी कम न हों...। रहमान ने कहा, मैंने लोगों को यह बताने की कोशिश की है कि उन्हें कोरोना योद्धाओं के संघर्ष की प्रशंसा करनी चाहिए और इनकी इस मेहनत को ध्यान में रखते हुए अपने घरों के अंदर ही रहना चाहिए।

कश्मीर के प्रसिद्ध मनोचिकित्सक डॉ. अरशद हुसैन कहते हैं, इस वायरस ने जिस तरह से दुनिया में तबाही मचाई है, उससे लोग बहुत डर गए हैं। अधिकांश मानसिक तनाव का शिकार भी हो गए हैं। कश्मीर में भी हालात कुछ ऐसे ही हैं। ऐसे में उन्हें संगीत एक हद तक तनाव से मुक्त कर देता है।


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