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कश्मीर केंद्रित दलों ने जम्मू कश्मीर के पुराने झंडे को बनाया अपना निशान

अपनी खानदानी सियासत का वर्चस्व समाप्त होने के बाद कश्मीर केंद्रित दलों ने पीपुल्स एलायंय के लिए जम्मू कश्मीर के पुराने झंडे को अपना निशान बनाया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 06:18 AM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 06:18 AM (IST)
कश्मीर केंद्रित दलों ने जम्मू कश्मीर के पुराने झंडे को बनाया अपना निशान
कश्मीर केंद्रित दलों ने जम्मू कश्मीर के पुराने झंडे को बनाया अपना निशान

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : अपनी खानदानी सियासत का वर्चस्व समाप्त होने के बाद पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) के बैनर तले एकजुट हुए कश्मीर केंद्रित सियासी दलों ने कश्मीरियों की भावनाओं को भुनाने के लिए जम्मू कश्मीर के पुराने झंडे को ही अपना निशान बनाया है। इसी के साथ उम्मीद के अनुरूप नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला को पीपुल्स एलायंस का अध्यक्ष और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को उपाध्यक्ष चुना गया। पीपुल्स एलायंस ने कहा कि सच दुनिया के सामने लाने के लिए अगले एक माह के दौरान जम्मू कश्मीर की पांच अगस्त 2019 से पूर्व की स्थिति पर श्वेतपत्र जारी करने से पहले श्रीनगर में 17 नवंबर को पहली बड़ी रैली भी होगी।

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पीपुल्स एलायंस की शनिवार को दूसरी बैठक महबूबा मुफ्ती के घर पर हुई। इसमें पीपुल्स एलायंस का संगठनात्मक ढांचा और राजनीतिक एजेंडा तैयार करने संबधी मुद्दों पर चर्चा हुई। करीब एक घंटे की बैठक में फारूक को अध्यक्ष व महबूबा को उपाध्यक्ष चुनने के अलावा पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन को प्रमुख प्रवक्ता, माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ तारीगामी को संयोजक और अनंतनाग के सांसद व नेकां के वरिष्ठ नेता जस्टिस (सेवानिवृत्त) हसनैन मसूदी को समन्वयक बनाया है।

बैठक में फैसला लिया गया कि डॉ. फारूक के नेतृत्व में पीडीपी, पीपुल्स कांफ्रेंस, मा‌र्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी, अवामी नेशनल कांफ्रेंस और जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) के नेता व कार्यकर्ता पूर्व जम्मू कश्मीर राज्य के झंडे तले लोगों के घर-घर जाकर जागरूक करेंगे।

बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए पीपुल्स एलायंस के प्रवक्ता सज्जाद गनी लोन ने बताया कि संगठन का निशान क्या हो, इसे लेकर बहुत से सवाल थे। हम लोग जम्मू कश्मीर की विशिष्ट राजनीतिक-संवैधानिक पहचान के लिए लड़ रहे हैं, क्योंकि यही हमसे छीनी गई है। इसलिए हमने मिलकर तय किया है कि पीपुल्स एलायंस का निशान जम्मू कश्मीर राज्य का झंडा ही रहेगा। हम इसी झंडे के लिए और इसी झंडे के नीचे जमा होकर लड़ेंगे।

जम्मू प्रांत में पीपुल्स एलायंस की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर लोन ने कहा कि यह संगठन सिर्फ एक वर्ग या समुदाय के लिए नहीं है। यह जम्मू, कश्मीर व लद्दाख के लिए है। अगले 15 दिनों में हमारी एक बैठक होने जा रही है। पीपुल्स एलायंस की तीसरी प्रस्तावित बैठक जम्मू में होगी और उसके बाद 17 नवंबर को यहां श्रीनगर में हमारी एक बड़ी रैली होगी, जिसमें केंद्र को पता चल जाएगा कि कश्मीरी क्या चाहते हैं। एक-दूसरे के कट्टर विरोधी रहे हैं ये दल :

पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम लागू होने के बाद नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी और उन जैसे अन्य दल केंद्र शासित जम्मू कश्मीर के मौजूदा सियासी परिदृश्य में खुद को आप्रसंगिक महसूस कर रहे हैं। इन दलों के नेताओं ने इसी माह 15 अक्टूबर को डॉ. फारूक अब्दुल्ला के घर एक बैठक में जम्मू कश्मीर में पहले की संवैधानिक स्थिति की बहाली के लिए पीपुल्स एलायंस के गठन का एलान किया था। यह अलग बात है कि पीपुल्स एलायंस के नाम पर जमा हुए यह सभी दल एक-दूसरे के कट्टर विरोधी रहे हैं और एक दूसरे को कश्मीर व कश्मीरियों का सबसे बड़ा दुश्मन करार देते रहे हैं। पहली बार यह दल एक मंच पर आए हैं।


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