कश्मीर के पर्यटन निदेशक को हटाया
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य प्रशासन ने वीरवार को कश्मीर के पर्यटन निदेशक तसद्दुक जिलानी को
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य प्रशासन ने वीरवार को कश्मीर के पर्यटन निदेशक तसद्दुक जिलानी को मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास के एक अधिकारी की शिकायत और फैमलिराइजेशन टूअर 2018 फैम टूअर में कथित धांधलियों का संज्ञान लेते हुए उन्हें हटा दिया है।
मंडलायुक्त कश्मीर बसीर अहमद खान को अगले आदेश तक पर्यटन निदेशक कश्मीर का कार्यभार संभालने और 10 दिन के भीतर फैम टूअर से जुड़े मामले की जांच कर रिपोर्ट करने को कहा गया है।
राज्य महाप्रशासनिक विभाग के अनुसचिव रामेश्वर कुमार द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि प्रशासनिक हित में तसद्दुक जिलानी को तत्काल प्रभाव से हटाते हुए बसीर अहमद खान को अपने कामकाज के साथ ही पर्यटन निदेशक कश्मीर का कामकाज अतिरिक्त रूप से संभालने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही उन्हें कश्मीर ऑटम फैम (फैमलिराइजेशन) टूअर 2018 के दौरान तसद्दुक जिलानी के व्यवहार और घटनाओं की जांच कर 10 दिनों के भीतर महाप्रशासनिक विभाग को अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा है।
अधिकारियों ने बताया कि तसद्दुक के व्यवहार और तौर तरीकों को लेकर शिकायतें बढ़ती जा रही हैं। उनके रवैये से कश्मीर के पर्यटन का भला कम बुरा ज्यादा हो रहा है। पिछले दिनों वह मॉस्को गए थे, लेकिन वहां भारतीय दूतावास के एक अधिकारी द्वारा राज्य के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रहमण्यम को एक पत्र भेजा गया। इसमें उन्होंने तसद्दुक जिलानी पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके व्यवहार से रूस में भारतीय छवि को भारी नुकसान पहुंचा है। इस शिकायत की जांच हो रही है कि 25 अक्टूबर से 27 अक्टूबर तक चले कश्मीर फैमलिराइजेशन फेस्टीवल के दौरान उन्होंने देश विदेश से बुलाए गए मेहमानों को जिस अंदाज में संबोधित किया वह भी अत्यंत आपत्तिजनक था। वह शराब के नशे में धुत थे और अपने भाषणों में कई अभद्र टिप्पणियां की। उनके इन भाषणों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। गुलमर्ग में उन्होंने कश्मीर के एक नामी होटल व्यावसायी आसिफ बुर्जा को अपना लंगोटिया बताया। उन्होंने इस टूअर के लिए एक फिल्म के तय दो करोड़ के बजट को इस फैमिलराइजेशन टूअर में स्थानांतरित कर दिया और वित्त विभाग से इसकी अनुमति भी नहीं ली। इसके अलावा उन्होंने इस टूअर में आए मेहमानों को ठहराने के लिए निजी होटलों को ही बुक किया और उनमें भी अधिकांश उनके मित्र आसिफ बुर्जा के ही थे, लेकिन राज्य पर्यटन विकास निगम अैर राज्य पर्यटन कश्मीर के होटल व हट्स खाली रहे। मेहमानों को सिर्फ ठहराने के नाम पर 30 लाख खर्च किए गए हैं।