Kashmir Situation: आतंक व अलगाववाद को कड़ा जवाब होगा मीरास, युवा कलाकार अपनी लोक संस्कृति के रंग बिखेरेंगे
कश्मीर घाटी में लगातार बदल रही फिजा के बीच अब स्थानीय युवा अपनी लोक संस्कृति के रंग बिखेरने व सहेजने में जुटे हैं। इन कलाकारों में अधिकांश किशोर हैं।
जम्मू, नवीन नवाज। कश्मीर घाटी में लगातार बदल रही फिजा के बीच अब स्थानीय युवा अपनी लोक संस्कृति के रंग बिखेरने व सहेजने में जुटे हैं। इन कलाकारों में अधिकांश किशोर हैं, जिन्हें अलगाववादी व आतंकी अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करते आए हैं। अब वे कहीं खुद निजी तौर पर तो कहीं किसी नाट्य संस्था या शिक्षण संस्थान के जरिए अपने अंदर छिपी प्रतिभा को दिखाने का मौका तलाश रहे हैं। उनके इन्हीं प्रयासों को दुनिया तक पहुंचाने के लिए 11 जनवरी को ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में एक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम 'मीरासÓ होने जा रहा है। जम्मू कश्मीर पुनर्गठन के बाद बीते पांच माह के दौरान मीरास घाटी में होने वाला पहला रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा। मीरास का सफल आयोजन अलगाववादियों व आतंकियों को कश्मीर के युवाओं की ओर से कड़ा जवाब भी होगा।
मीरास का आयोजन श्रीनगर जिला प्रशासन की ओर से करवाया जा रहा है। इसके कई संस्थाएं भी साथ दे रही हैं। मंडलायुक्त कश्मीर बसीर अहमद खान ने कहा कि मीरास का मतलब है कि विरासत में मिली संपत्ति। इसलिए हमने 11 जनवरी को होने वाले युवा सांस्कृतिक समारोह का नाम भी मीरास रखा है। इसमें कश्मीर की रंगारंग सांस्कृतिक विरास का कोई रंग नहीं छूटेगा। कश्मीर के प्रतिभाशाली और नवोदित कलाकार लोक नृत्य रौऊफ, लडी शाह, लघु नाटिका, भांड पाथर (नाटक) और कश्मीर के सूफियाना संगीत में अपनी प्रतिभा का परिचय देंगे।
उन्होंने कहा कि हमने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग को भी शामिल किया है। बसीर अहमद खान ने कहा कि हमने इस कार्यक्रम के आयोजन में शामिल सभी सांस्कृतिक समूहों को स्थानीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने व कश्मीर की कला, संस्कृतिऔर लोक नाटयविधा व संगीत पर ही ध्यान केंद्रित करने को कहा है।
नए चेहरे नजर आएंगे :
मीरास की तैयारियों में जुटे जिला बडग़ाम से संबंध रखने वाले वादी के प्रतिष्ठित कलाकार गुलजार ने कहा कि आप बस 11 जनवरी का इंतजार करिए। आपको टैगोर हाल के मंच पर नए चेहरे नजर आएंगे, जो आपको अपनी प्रतिभा से हैरान कर देंगे। उस समय कश्मीर में सर्दियों का सबसे सर्द मौसम चिल्ले कलां अपने चरम पर होगा, वहीं कश्मीर के नौजवान बच्चे-बच्चियों का अपनी सांस्कृतिक विरासत को सहेजने, उसे दुनिया तक पहुंचाने का जोश पूरे माहौल को गर्म कर देगा।
मैं नशाखोरी, जिहाद पर बात कहूंगा :
श्रीनगर में ही बटमालू इलाके के रहने वाले एक युवक जिसने अपना नाम मिरास के संपन्न होने तक छिपाने का आग्रह किया है, ने कहा कि मैं लडीशाह बनने जा रहा हूं। यह पूछने पर कि वह लडीशाह बनकर श्रोताओं व दर्शकों को क्या सुनाएंगे, तो युवक ने कहा कि लडीशाह तो हमारी लोक विरासत का वह कलाकार अथवा गायक है, जो ज्वलंत मुद्दों पर गली-मोहल्लों, बाजार या बाग में गाकर व्यंग्य करते हुए समाज को जागृत करने का प्रयास करता आया है। मैं तो नशाखोरी, जिहाद पर अपनी बात कहूंगा।
कश्मीरी युवा पत्थरबाज नहीं, हंसना-गाना चाहता है :
एंजल्स कल्चरल अकादमी के अध्यक्ष तारिक अहमद शेरा ने कहा कि दुनिया में कश्मीरी युवकों की छवि एक पत्थरबाज की बना दी गई है, जबकि कश्मीरी नौजवान ऐसा नहीं है। कश्मीरी बच्चे भी दुनिया के अन्य हिस्सों के बच्चों की तरह ही हंसना-खेलना व नाचना जानते हैं। वह अपनी लोक विरासत को बचाने के लिए पूरी तरह सजग है। स्थानीय युवा खुद को पत्थरबाजी या आजादी के नारों से जोडऩे को तैयार नहीं हैं, वह दुनिया को हकीकत से रूबरू कराना चाहता है और यही मिरास में होगा।
कश्मीरियों को अपनी लोक विरासत बहुत अजीज :
आतंकियों व अलगाववादियों द्वारा कश्मीर में सिनेमा, गीत संगीत को इस्लाम के खिलाफ बताए जाने पर कश्मीर के वरिष्ठ साहित्यकार हसरत गड्डा ने कहा कि यहां इस तरह के फरमान नहीं चलते। कश्मीरियों को अपनी लोक विरासत बहुत अजीज है। आप कभी कश्मीर में आकर आम लोगों के बीच रहें तो पता चलेगा कि यहां लोक संस्कृति कैसे आगे बढ़ रही है। यहां बहुत से लड़के-लड़कियां लोकगायक, लोक नाट्य विधा को आगे बढ़ाते हुए इसमें ही अपना करियर बना रहे हैं। फिल्मों में कई कश्मीरी युवा अपनी प्रतिभा साबित कर रहे हैं।
प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध : बसीर अहमद
मंडलायुक्त कश्मीर बसीर अहमद खान ने कहा कि मिरास को सफल बनाने के लिए प्रशासन पूरी सहायता कर रहा है। कलाकारों को भुगतान भी किया जाएगा। थियेटर में लाइट, माइक और आडियो की सुविधा, बिजली व जेनसेट व अन्य सुविधाएं हमारी तरफ से रहेंगी। इसमें भाग लेने वाले कलाकारों के लिए रिफ्रेशमेंट भी रहेगी। दर्शकों को किसी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए टैगार हाल परिसर में पार्किंग की समुचित व्यवस्था होगी। इसके अलावा मजिस्ट्रेट भी संबंधित इलाके में तैनात रहेंगे। पुलिस अर्धसैनिकबलों का समुचित सुरक्षा बंदोबस्त होगा।