सूचना एवं प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भर बनेगा जम्मू कश्मीर, दो आइटी टॉवर बनेंगे
जम्मू कश्मीर में सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आइटी) क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने सोमवार को एक बड़े समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
राज्य ब्यूरो, जम्मू: जम्मू कश्मीर में सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आइटी) क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने सोमवार को एक बड़े समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत वर्ष 2022 में दोनों राजधानी शहरों जम्मू और श्रीनगर में आइटी टॉवर स्थापित कर लिए जाएंगे। इन्हें बनाने के लिए ही जम्मू कश्मीर सूचना प्रौद्योगिकी अवसंरचना विकास कंपनी और नेशनल बिल्डिग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन (एनबीसीसी) के बीच जम्मू स्थित राजभवन में अनुबंध हुआ है।
समझौते के बाद उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आइटी सेक्टर की अग्रणी कंपनियों को जम्मू कश्मीर में सूचना एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश करने का न्योता दिया है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में निवेश के लिए उचित माहौल बनाया जा रहा है। इसी के तहत प्रदेश में दो आइटी टॉवर बनाए जा रहे हैं। जम्मू का आइटी टॉवर 15 महीने में और श्रीनगर का 17 महीने में तैयार करने का लक्ष्य है। ये दोनों टॉवर 50-50 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार होंगे।
उन्होंने कहा कि इस समय बेंगलुरु, गुरुग्राम जैसे शहरों में जम्मू कश्मीर के बड़ी संख्या में युवा सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काम कर रहे हैं। वे जम्मू कश्मीर में भी योगदान दे सकते हैं। इसके लिए सूचना एवं तकनीकी क्षेत्र में विकास जरूरी है। जम्मू कश्मीर को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आधुनिक तकनीक को बढ़ावा देना जरूरी है। यही कारण है कि आइटी टॉवर जल्द तैयार होंगे। पहले आइटी टॉवर तैयार करने के लिए 24 महीने का समय तय किया गया था। उपराज्यपाल को आइटी टॉवर स्थापित करने के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। इस मौके पर उपराज्यपाल के सलाहकार बसीर अहमद खान, मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रहमण्यम भी मौजूद रहे। ये सुविधाएं होंगी
प्रत्येक आइटी टॉवर में कार्यालयों के लिए उचित जगह, प्लग एंड प्ले, डाटा रूम, फिनिशिग स्कूल, वर्क स्टेशन, कैफेटेरिया, जिम-योग रूम, इलेक्ट्रिकल रूम, एसटीपी, सब स्टेशन के साथ पार्किग, फायर फाइटिग आदि के पूरे प्रबंध होंगे। रोजगार के नए अवसर खुलेंगे
उपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू कश्मीर में प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को विकसित करने से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। साथ ही रोजगार के अवसर खुलेंगे। प्रदेश में स्टार्टअप मुहिम को बढ़ावा देने की दिशा में सकारात्मक माहौल बनेगा। सरकार की प्राथमिकता है कि बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाया जाए। सरकार की पूरी कोशिश है कि यहां पर व्यापार के लिए उचित माहौल बनाया जाए। इसके लिए कई सुधार किए गए हैं। हमारे पास सूचना एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए धन की कोई कमी नहीं है। प्रदेश में डिजिटल व्यवस्था बनाने के लिए 156 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाए गए हैं।