Kashmir Panchayat Chunav: ढोल, नगाड़े और आतिशबाजी... यह लोकतंत्र की जीत का जश्न है
Kashmir Panchayat Chunav 2020 कश्मीर में चुनाव के बाद के जश्न की यह तस्वीरें देश के किसी भी हिस्से से जुदा नहीं है पर कश्मीर को आतंक और फर्जी नारों के नाम पर बहकाने वालों को निश्चित तौर पर करारा झटका देने वाली हैं।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : गली-मोहल्लों में चुनावी नारों का शोर और ढोल-नगाड़ों की थाप पर थिरकते लोग, आतिशबाजी और विजय जुलूस। लोकतंत्र के इस जश्न में कश्मीर आकंठ डूब चुका है। कश्मीर में चुनाव के बाद के जश्न की यह तस्वीरें देश के किसी भी हिस्से से जुदा नहीं है पर कश्मीर को आतंक और फर्जी नारों के नाम पर बहकाने वालों को निश्चित तौर पर करारा झटका देने वाली हैं।
यहां बता दें कि जम्मू कश्मीर में जिला विकास परिषदों के साथ पंचों व सरपंचों के उपचुनाव भी हो रहे हैं। अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद हो रहे पहले चुनाव में सही मायने में लोकतांत्रिक और नए कश्मीर की तस्वीर सामने दिखाई रही है। मतदान में सारे रिकॉर्ड ध्वस्त हो ही रहे हैं। चुनाव के बाद भी यही मूड कायम है।
जिला विकास परिषद के लिए मतों की गिनती अंतिम दौर के मतदान के बाद होनी है लेकिन पंचायत उपचुनाव का परिणाम मतदान के कुछ घंटों में ही घोषित किया जा रहा है।
It’s not a victory of an individual in an election, it’s the victory of an idea who’s time has come. The victory of democracy that brings such happiness at people’s faces.
Happy to see people celebrating after long time. May peace prevail. pic.twitter.com/cBkLnwrnRM— Imtiyaz Hussain (@hussain_imtiyaz) December 1, 2020
पंच सरपंच के काफी पद कश्मीर में ही रिक्त थे और इस बार लोगों का जोश सातवें आसमान पर दिखाई दे रहा है। प्रचार के दौरान आमजन की भागेदारी दिखी ही लेकिन चुनाव परिणाम का जश्न देखकर सब अचंभित हैं।
मंगलवार शाम को पंचायत चुनाव का परिणाम घोषित होते-होते कश्मीर के अलग-अलग जिलों में लोगों के जश्न की तस्वीरें और वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हो गए।
कुपवाड़ा के एक मतदान केंद्र पर जैसे ही पंचायत प्रत्याशी जीत के बाद मतगणना केंद्र से बाहर निकलते हैं, युवा उसे कंधे पर उठा लेते हैं और उसके बाद सब अपने निर्वाचित प्रतिनिधि को उठाकर थिरकना शुरू कर देते हैं। बांडीपोरा के सुंबल इलाके के गांव गनास्थान में युवाओं से लेकर बुजुर्ग परिणाम के बाद मतगणना केंद्र के बाहर ही खुशी से परंपरागत अंदाज में झूमने लग जाते हैं और पटाखे चलाए जा रहे हैं। पूरा गांव पंचायत चुनाव का परिणाम सुनने के लिए आसपास के घरों की छतों पर जमा है। यह तस्वीर साबित कर रही है कि अब कश्मीरी किसी के बहकावे में आने वाले नहीं हैं।
यही है असली कश्मीर: कश्मीर मामलों के विशेषज्ञ अहमद अली फैयाज कहते हैं कि यह सही मामले में लोकतंत्र का उत्सव है और इसमें सब आनंदित हैं। कश्मीरी सही मायनों में लोकतांत्रिक है। यह उत्सव साबित कर रहा है। आइपीएस अधिकारी इम्तियाज हुसैन कहते हैं कि कश्मीर में लोकतंत्र के प्रति यह अटूट विश्वास दिख रहा है। अब फर्जी नारों और अफवाहों पर बहलाने वालों का समय नहीं आएगा।