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जम्मू कश्मीर में औद्योगिक विकास निगम की होगी स्थापना

राज्य ब्यूरो जम्मू केंद्र सरकार ने औद्योगिक विकास निगम की स्थापना के लिए जम्मू कश्मीर विकास अधिनियम 1970 में संशोधन को मंजूरी दे दी है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 07:26 AM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 07:26 AM (IST)
जम्मू कश्मीर में औद्योगिक विकास निगम की होगी स्थापना
जम्मू कश्मीर में औद्योगिक विकास निगम की होगी स्थापना

राज्य ब्यूरो, जम्मू : केंद्र सरकार ने औद्योगिक विकास निगम की स्थापना के लिए जम्मू कश्मीर विकास अधिनियम 1970 में संशोधन किया है। इसका मकसद जम्मू कश्मीर में उद्योगों को तेजी के साथ स्थापित करना और उन्हें बढ़ावा देना है। इससे जम्मू कश्मीर में औद्योगिक विकास निगम की स्थापना के लिए एक नया अध्याय जुड़ गया है।

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गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, जम्मू-कश्मीर औद्योगिक विकास निगम का गठन औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षित और योजनाबद्ध तरीके से उद्योगों की स्थापना कर उनका तेजी के साथ विकास करने में सहयोग करना है। यही नहीं, निगम ऐसे उद्योगों के साथ व्यवसायिक केंद्र स्थापित करने में भी मदद करेगा। निगम अपनी गतिविधियों के संचालन के लिए चल और अचल दोनों प्रकार की संपत्ति का अधिग्रहण कर उसे लीज पर दे सकता है और उसे बेच भी सकता है। यही नहीं, इस संपत्ति को अधिसूचित नियमों के तहत हस्तांतरित कर सकता है। निगम औद्योगिक क्षेत्रों को स्थापित करने के अलावा उनका प्रबंधन भी देखेगा। नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित करेगा और इन क्षेत्रों में लोगों को स्थापित करने का मौका देगा। डोमिसाइल हुआ नौकरी तक सीमित :

जम्मू कश्मीर में स्थानीय लोगों के आर्थिक, सामाजिक व राजनीतिक हितों के लिए बनाया गया डोमिसाइल प्रमाणपत्र सिर्फ नौकरियों तक सीमित होकर रह गया है। केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में जमीन के मालिकाना अधिकार व खरीदो-फरोख्त के संदर्भ में जो कानून लागू किए हैं, उनमें कहीं भी डोमिसाइल की अनिवार्यता नहीं रखी गई है। अब यह सिर्फ सरकारी नौकरी तक सीमित रहेगा।

जम्मू कश्मीर की सियासत का बदल जाएगा रुख :

जम्मू कश्मीर में बरसों से रह रहे अन्य राज्यों के नागरिक स्थायी तौर पर जम्मू कश्मीर में बसेंगे तो स्थानीय सियासत में उनकी हिस्सेदारी बढ़ेगी। जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दलों व नेताओं को उनकी उम्मीदों और आकाक्षाओं का भी ध्यान रखना पड़ेगा। वह उनके सामाजिक-आर्थिक विकास के सरोकारों की उपेक्षा नहीं कर पाएंगे, क्योंकि वोटों की सियासत में एक-एक वोट अहम रहता है। इसलिए केवल जम्मू कश्मीर में बीते 73 साल से चली आ रही एक वर्ग विशेष के तुष्टिकरण और ब्लैकमेल की सियासत भी खत्म होगी। राष्ट्रीय मुद्दों को भी स्थानीय सियासत में अहमियत मिलेगी, जिससे जम्मू कश्मीर में भाजपा और काग्रेस की तर्ज पर राजद, जदयू जैसे राजनीतिक दलों का दखल भी बढ़ेगा।


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