गृह मंत्री ने शहीद के पार्थिव शरीर का दिया कंधा
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : हुमहामा स्थित सीआरपीएफ के रंगरूट ट्रेनिंग सेंटर (आरटीसी) में शुक्रवार को आक्
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : हुमहामा स्थित सीआरपीएफ के रंगरूट ट्रेनिंग सेंटर (आरटीसी) में शुक्रवार को आक्रोश और दुख का वातावरण उस समय पूरी तरह देशभक्ति के ज्वार और भावुकता में बदल गया, जब केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह अपने स्थान से उठे और तिरंगे में लिपटे शहीद के पाíथव शरीर को कंधा देने लगे। इसके बाद वीर जवान अमर रहे के नारों की गूंज सुनाई देने लगी। गृहमंत्री द्वारा किसी शहीद के पार्थिव शरीर को कंधा देने की यह पहली घटना है।
गौरतलब है कि गत वीरवार को श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर गोरीपोरा पुलवामा में एक आत्मघाती आतंकी हमले में अधिकारिक तौर पर 40 सीआरपीएफ कर्मी शहीद हुए हैं। आज इन शहीदों के पाíथव शरीर पूरे सम्मान के साथ हवाई जहाज के जरिए उनके परिजनों के पास भेजे गए।
शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अíपत करने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ ¨सह दिल्ली से श्रीनगर आए थे। उनके साथ महानिदेशक सीआरपीएफ आरआर भटनागर भी थे। राज्यपाल सत्यपाल मलिक और उनके सलाहकार आज सुबह ही जम्मू से श्रीनगर पहुंचे। राज्य पुलिस महानिदेशक दिलबाग ¨सह, सेना की उत्तरी कमान के जीओसी इन सी लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर ¨सह समेत पुलिस, सेना, सीआरपीएफ व नागरिक प्रशासन के सभी वरिष्ठ अधिकारी और जवान शहीदों को अपने श्रद्धासुमन अíपत करने के लिए श्रद्धाजंलि समारोह में शामिल हुए। एक जवान को धीरे से हटाया फिर शहीद को दाएं कंधे का सहारा देने लगे
आरटीसी का माहौल पूरी तरह बदला हुआ था। सेंटर में जवानों और अधिकारियों के चेहरे पर दुख, आक्रोश और बदले की भावना के भाव साफ महसूस किए जा सकते थे। माहौल में तनाव महसूस हो रहा था। एक के बाद एक 40 शहीदों के तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर एक कतार में रखे हुए थे। बिगुल बजा, जवानों ने शस्त्र उलटे किए और उसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ ¨सह, राज्यपाल सत्यपाल मलिक समेत सभी वरिष्ठ नेताओं और सुरक्षा अधिकारियों ने शहीदों के पाíथव शरीर पर पुष्पचक्र व फूलमालाएं भेंट कर उन्हें श्रद्धासुमन अíपत किए। श्रद्धांजलि समारोह समाप्त हो गया। इसके बाद वहां मौजूद जवान अपने शहीद साथियों के तिरंगे में लिपटे पाíथव शरीर को उठाकर ले जाने लगे तो राजनाथ सिंह अचानक अपने स्थान से उठे। किसी को समझ में नहीं आया कि वह क्या करने जा रहे हैं। उनके साथ मौजूद कुछ अधिकारियों ने समझा कि वह दिल्ली निकल रहे हैं, लेकिन राजनाथ शहीदों के पार्थिव शरीर को कंधा दे रहे जवानों के पास पहुंचे और एक जवान को धीरे से हटाया फिर शहीद के पाíथव शरीर को अपने दाएं कंधे का सहारा देने लगे। उनके साथ राज्य पुलिस महानिदेशक दिलबाग ¨सह भी शहीद को कंधा देने आगे आए। जयघोष तब तक गूंजते रहे जब तक पाíथव शरीर रवाना नहीं हुआ
केंद्रीय गृहमंत्री शहीद के पाíथव शरीर को उठाकर उस ट्रक तक गए, जहां सभी शहीदों के पाíथव शरीर आगे की यात्रा के लिए रखे जा रहे थे। उन्हें शहीदों को कंधा देते देख वहां मौजूद अन्य जवानों ने वीर जवान अमर रहे, की जयघोष करने लगे। यह नारे तब तक गूंजते रहे जब तक अंतिम शहीद का तिरंगे में लिपटा पाíथव शरीर आगे की यात्रा के लिए रवाना नहीं हुआ।