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Jammu Kashmir Weather: मौसम विभाग की चेतावनी, कश्मीर में 13 से भारी बारिश-बर्फबारी के आसार

मौसम विभाग ने प्रशासन से बर्फबारी से उत्पन्न होने वाली परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहने की सलाह दी है। बीते कुछ वर्षों से कश्मीर में नवंबर के महीने में ही बर्फबारी होने लगी है। इससे पहले दिसंबर या फिर जनवरी में ही ऐसी भारी बर्फबारी होती थी।

By Edited By: Published: Wed, 11 Nov 2020 07:37 AM (IST)Updated: Wed, 11 Nov 2020 07:59 AM (IST)
अभी तक वादी के उच्च पर्वतीय इलाकों में ही बर्फबारी हुई है।

जेएनएन, श्रीनगर/जम्मू: कश्मीर में 13 नवंबर से भारी बारिश के साथ बफर्बारी के पूरे आसार हैं। मौसम विभाग ने पहाड़ी इलाकों में रहने वाले किसानों व बागवानों को हिदायत दी है कि वह पेड़ों पर लगे फलों को फौरन उतार लें। ऐसा नहीं किया तो उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। सेब के पेड़ टूटने से बचाने के लिए टहनियों की छंटाई करें। इस बीच, प्रदेश में रविवार को पूरे दिन बादल छाए रहे। कश्मीर में घने बादल रहे। कश्मीर ही नहीं, जम्मू में भी ठिठुरन होने लगी है।

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कश्मीर में बुधवार को भी बादल छाए रहेंगे, जबकि जम्मू में मौसम साफ रहने के आसार हैं। मौसम विभाग ने पश्चिमी विक्षोभ के चलते कश्मीर के उच्च पर्वतीय इलाकों में भारी और निचले इलाकों में तीन से चार इंच तक बर्फबारी होने की संभावना जताई है। 17 नवंबर तक ऐसा ही मौसम रहेगा। 14 और 15 नवंबर मौसम सबसे अधिक खराब रहेगा। इससे सड़क और हवाई संपर्क प्रभावित होने की पूरी आशंका है।

मौसम विभाग ने प्रशासन से बर्फबारी से उत्पन्न होने वाली परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहने की सलाह दी है। गौरतलब है कि बीते कुछ वर्षों से कश्मीर में नवंबर के महीने में ही बर्फबारी होने लगी है। इससे पहले दिसंबर या फिर जनवरी में ही ऐसी भारी बर्फबारी होती थी। वर्ष 2018 व 2019 में नवंबर महीने के पहले सप्ताह में ही समूची वादी बर्फ की चादर में लिपट गई थी। हालांकि, इस वर्ष अभी तक वादी के उच्च पर्वतीय इलाकों में ही बर्फबारी हुई है।

चेतावनी को गंभीरता से लें किसान शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय में प्रोफेसर तैनात फिरदौस हक्कानी ने कहा कि जिस तरह से मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है, उससे बागवानों को सतर्क हो जाना चाहिए। वह पेड़ों पर लगे फल फौरन उतार दें। पेड़ों की प्रोनिंग (टहनियां काटना) भी करें ताकि बर्फबारी में फल और पेड़ दोनों सुरक्षित रहें। फल नहीं उतारे तो यह खराब हो जाएंगे। वजन से टहनियां टूटने की आशंका रहेगी। वर्तमान में सेब, अखरोट व बादाम की फसलों को तो समेट लिया है, लेकिन सेब की दो किस्में चंबूरा व अंबरी के फल उतारे नहीं गए हैं। इन दोनों प्रजातियों के फल देरी से उतारे जाते हैं।

ऐसा रहा तापमान (डिग्री सेल्सियस में) शहर अधिकतम न्यूनतम जम्मू 28.1 13.3 श्रीनगर 15.5 - 0.2 गुलमर्ग 11.0 2.0 पहलगाम 15.1 -1.2 लेह 14.7 -0.3 कारगिल 13.9 -3.4


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