अनशन पर बैठे कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति के प्रधान की तबीयत बिगड़ी
वादी में रह रहे कश्मीरी पंडितों की उपेक्षा के खिलाफ कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति ने गत रविवार से अनशन शुरू किया है। बुधवार को अनशन पर बैठे कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति के अध्यक्ष संजय टिक्कू की हालत बिगड़ गई। उन्हें उसी समय डाक्टरी सहायता उपलब्ध करायी गई।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : वादी में रह रहे कश्मीरी पंडितों की उपेक्षा के खिलाफ कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति ने गत रविवार से अनशन शुरू किया है। बुधवार को अनशन पर बैठे कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति के अध्यक्ष संजय टिक्कू की हालत बिगड़ गई। उन्हें उसी समय डाक्टरी सहायता उपलब्ध करायी गई। डाक्टरों ने उन्हें ग्लूकोज चढ़ाया। अब उनकी स्थिति पहले से बेहतर है।
उल्लेखनीय है कि घाटी में कश्मीरी पंडितों के करीब 810 परिवार ऐसे हैं,जिन्होंने 1990 के दशक में आतंकियों की धमकियों के बावजूद पलायन नहीं किया। इन्हीं लोगों ने अपने सामाजिक,राजनीतिक व आर्थिक हितों के संरक्षण के लिए कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति का गठन किया है।
श्रीनगर के हब्बाकदल में स्थित पौराणिककाल के मंदिर गणपतियार के परिसर में अनशन पर बैठे संजय टिक्कू ने दैनिक जागरण से बातचीत में कश्मीर में निजाम बदला है,लेकिन हमारी किस्मत नहीं। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट के एक आदेशानुसार प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज में 500 नौकरियां कश्मीर में रहे रहे कश्मीरी पंडित परिवारों के योग्य सदस्यों के लिए आरक्षित की गई, लेकिन आज तक इन पर भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। हम वादी में रह रहे कश्मीरी पंडितो को घोषित मासिक वित्तीय मदद और आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को रोकने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी सीबीआइ जांच चाहते हैं। इसके अलावा वादी में सभी हिदू धर्म स्थलों और उनकी परिसंपत्तियों से अतिक्रमण को हटाए जाने की मांग कर रहे हैं।
टिक्कू ने कहा कि केंद्र सरकार और गृहमंत्रालय की सिफारिशों व अदालत के विभिन्न आदेशों के बावजूद आपदा प्रबंधन राहत, पुनर्वास व पुनर्निर्माण विभाग हमारे मुद्दों को हल करने की तरफ ध्यान नहीं दे रहा है। जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के लागू होने के बाद तो हम यहां पूरी तरह से अलग-थलग होकर रह गए हैं।