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हुíरयत कांफ्रेंस पने बुने जाल में फंसी : राज्यपाल

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्यपाल सत्यपालक मलिक ने पाकिस्तान को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि हु

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 02:07 AM (IST)Updated: Tue, 30 Oct 2018 02:07 AM (IST)
हुíरयत कांफ्रेंस पने बुने  जाल में फंसी : राज्यपाल
हुíरयत कांफ्रेंस पने बुने जाल में फंसी : राज्यपाल

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्यपाल सत्यपालक मलिक ने पाकिस्तान को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि हुíरयत कांफ्रेंस अब अपने ही बुने जाल में फंस गई है। हुíरयत के नेता पाकिस्तान और आतंकियों से बहुत डरते हैं, वह उनकी मर्जी के बिना कुछ भी नहीं कर सकते। मलिक ने यह दावा साक्षात्कार में किया है। उन्होंने कहा कि हुíरयत को पाकिस्तान से किनारा कर लेना चाहिए। हुíरयत नेताओं का अपना थोड़ा बहुत प्रभाव हो सकता है, लेकिन वह पाकिस्तान की अनुमति के बिना पेशाब करने भी नहीं जा सकते। मेरी हुíरयत नेताओं से अपील है कि वह निष्पक्ष और स्वतंत्र रवैया अपनाएं जो उनका अपना हो। मेरे पास हुíरयत नेताओं से मुलाकात करने व बातचीत करने का अधिकार नहीं है फिर भी मैं उन तक पहुंच बनाने के लिए साजगार माहौल बनाने के लिए प्रयासरत हूं।

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राज्यपाल ने दावा किया कि पाक के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने भी हुíरयत नेताओं से कहा था कि भारत महान, शक्तिशाली और विशाल राष्ट्र है जिसे तोड़ना पाकिस्तान के बस में नहीं है। नियंत्रण रेखा को भी नहीं बदला जा सकता। भारत-पाक दोनों में से कोई भी जंग बर्दाश्त नहीं कर सकता इसलिए कश्मीर मसले को हल करने के लिए अडियल रवैया अपनाने के बजाय कुछ रियायतों पर बातचीत का प्रयास करना चाहिए। अफास्पा समाप्त करने से इन्कार

उन्होंने जम्मू कश्मीर में लागू सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफास्पा) को समाप्त करने से इन्कार करते हुए हा कि सेना जम्मू कश्मीर में बहुत ही विकट परिस्थितियों में काम कर रही है। सेना जम्मू कश्ीमर के लोगों के हित में काम कर रही है। जब कश्मीर में बाढ़ आई थी तो सेना के जवानों ने स्थानीय लोगों को अपनी जान पर खेलकर बचाया। सेना अक्सर लोगों को चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने क लिए स्वास्थ्य शिविर तक आयोजित करती है। उसके बावजूद उसे पत्थर खाने पड़ते हैं।

स्वात्तता प्रस्ताव का अध्ययन करूंगा

स्वायत्तता और सुशासन को कश्मीर समस्या का समाधान बताने वालों के बारे में उनहोंने कहा कि जम्मू कश्मीर का अपना एक संविधान और निशान है। जब भी मैं अपनी कार में बैठता हूं उसके ऊपर दो झंडे होते हैं, एक राष्ट्रीय ध्वज होता है और दूसरा राज्य का ध्वज। जम्म्मू कश्मीर को विशेष दर्जा है। यहां पहले ही बहुत कुछ है। मैंने राज्य विधानसभा में पारित स्वात्तता प्रस्ताव के बारे में पूछा है, मैं उसका अध्ययन करूंगा।


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