चार और सियासी नेताओं से हटी नजरबंदी
नजरबंदी से मुक्त किए गए नेताओं में नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व विधायक एवं पूर्व स्पीकर नजीर अहमद गुरेजी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के पूर्व मंत्री अब्दुल हक खान पीपुल्स कांफ्रेंस के पूर्व विधायक मोहम्मद अब्बास वानी और कांग्रेस के पूर्व विधायक हाजी अब्दुल रशीद शामिल हैं।
क्रॉसर
- ये सभी नेशनल कांफ्रेंस, काग्रेस, पीडीपी और पीपुल्स कांफ्रेंस के पूर्व विधायक हैं
-गत वीरवार को भी पांच नेताओं को हिरासत से किया गया था मुक्त
---------- राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: कश्मीर में लगातार हालात सुधर रहे हैं। इसी का नतीजा है कि सियासी नेताओं और अन्य लोगों की नजरबंदी और पीएसए तक हटाया जा रहा है। इसी क्रम में राज्य प्रशासन ने शुक्रवार को मुख्यधारा के चार और नेताओं की नजरबंदी हटा ली। ये सभी नेशनल कांफ्रेंस, काग्रेस, पीडीपी और पीपुल्स कांफ्रेंस के पूर्व विधायक हैं। इन्हें गत माह ही हिरासत से मुक्त कर उनके घरों में ही नजरबंद रखा गया था।
नजरबंदी से मुक्त किए गए नेताओं में नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व विधायक एवं पूर्व स्पीकर नजीर अहमद गुरेजी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के पूर्व मंत्री अब्दुल हक खान, पीपुल्स कांफ्रेंस के पूर्व विधायक मोहम्मद अब्बास वानी और कांग्रेस के पूर्व विधायक हाजी अब्दुल रशीद शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि हिरासत अथवा नजरबंद रखे गए करीब एक दर्जन और नेताओं को अगले चंद दिनों में रिहा कर दिया जाएगा। यह फैसला राज्य के हालात की समीक्षा के आधार पर ही लिया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि वादी में सुधरते हालात और कानून व्यवस्था की समीक्षा के आधार पर प्रशासन ने घरों में नजरबंद रखे गए चार पूर्व विधायकों की नजरबंदी हटा दी है। इनके घरों के बाहर तैनात किए गए पुलिसकर्मियों केा बीती रात हटाया गया था। अब इनके साथ वही सुरक्षाकर्मी हैं जो एक संरक्षित व्यक्ति होने के नाते नियमानुसार इन्हें मिले हैं। इसी सप्ताह वीरवार को भी पांच नेताओं को हिरासत से मुक्त किया गया है। यह सभी सबजेल एमएलए हॉस्टल में बंद थे।
पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को लागू करने से पूर्व चार अगस्त की मध्य रात्रि को प्रशासन ने एहितयात के तौर पर कश्मीर में मुख्यधारा की राजनीति से जुड़े सभी प्रमुख राजनीतिक नेताओं व कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था। अलबत्ता, भाजपा के स्थानीय नेताओं व कार्यकर्ताओं को न नजरबंद और न ही हिरासत में लिया गया था। हालात में बेहतरी के आधार पर प्रशासन ने हिरासत में लिए गए नेताओं की रिहाई की प्रक्रिया अगस्त के अंत में ही शुरू कर दी थी। हिदायत के साथ छोड़ जा रहे
जम्मू कश्मीर की सियासत पर नजर रखने वालों के मुताबिक, एहतियातन हिरासत में रखे गए नेताओं की रिहाई की प्रक्रिया जम्मू कश्मीर में लगभग ठप हो चुकी मुख्यधारा की सियासी गतिविधियों को बहाल करने के लिए शुरू की गई है। अलबत्ता, रिहा किए जा रहे नेताओं को हिदायत है कि वह कोई भी ऐसी बात न करें, जिससे जम्मू कश्मीर में हालात बिगड़ें या हिसा भड़के।