बारह लाख के इनामी कमांडर सहित आइएसजेके के चार आतंकी ढेर
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : दक्षिण कश्मीर के सिरीगुफवारा (अनंतनाग) में शुक्रवार को हुई भीषण मुठभेड़ में स
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : दक्षिण कश्मीर के सिरीगुफवारा (अनंतनाग) में शुक्रवार को हुई भीषण मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने इस्लामिक स्टेट जम्मू कश्मीर (आइएसजेके) के चार आतंकियों को मार गिराया। मारे गए आतंकियों में आइएसजेके का स्वयंभू कमांडर दाउद सोफी निवासी एचएमटी, श्रीनगर भी शामिल था। डबल-ए श्रेणी के आतंकी दाउद पर 12 लाख रुपये का इनाम था। मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी शहीद व तीन सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। इस दौरान क्रॉस फाय¨रग की चपेट में आकर आतंकी ठिकाना बने मकान का मालिक भी मारा गया और उसकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई। इस बीच, आतंकी समर्थक भीड़ और सुरक्षाबलों के बीच सिरीगुफवारा के अलावा श्रीनगर में हुई ¨हसक झड़पों में 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए। हालात को देखते हुए श्रीनगर व अनंतनाग में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया।
मारे गए आतंकियों में आइएसजेके का माजिद मंजूर डार निवासी पुलवामा, मोहम्मद अशरफ इट्टू और आदिल हसन मीर निवासी सिरीगुफवारा भी शामिल हैं। शहीद पुलिसकर्मी की पहचान स्पेशल पुलिस आफिसर (एसपीओ) आशिक हुसैन और मारे गए नागरिक की पहचान मोहम्मद यूसुफ राथर के रूप में हुई है। राज्य पुलिस महानिदेशक डॉ. एसपी वैद ने चारों आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि की है।
अनंतनाग से मिली जानकारी के अनुसार दाउद और उसके साथियों के सिरीगुफवारा के खिरम इलाके में छिपे होने की सूचना मिलने पर तड़के सेना, पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त कार्यदल ने तलाशी अभियान चलाया। जवानों को ठिकाने की तरफ आते देख आतंकियों ने ग्रेनेड फेंके और ताबड़तोड़ फाय¨रग करते हुए भागने की कोशिश की। इसमें एक एसपीओ और तीन अन्य सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। अन्य जवानों ने अपने घायल साथियों को वहां से हटाते हुए त्वरित जवाबी कार्रवाई की और आतंकियों को मुठभेड़ में उलझा लिया।
बताया जाता है कि आतंकियों का ठिकाना बने मकान के मालिक मुहम्मद यूसुफ राथर और उसकी पत्नी हफीजा ने मुठभेड़ के दौरान जब बाहर भागने का प्रयास किया तो अंदर छिपे आतंकियों द्वारा चलाई गई गोली लगने से दोनों गिर पड़े। जवानों ने दोनों को अस्पताल पहुंचाया जहां यूसुफ राथर की मौत हो गई। करीब बारह बजे चारों आतंकी मारे गए और उनका ठिकाना बना मकान भी तबाह हो गया।
इस दौरान बड़ी संख्या में आतंकी समर्थक तत्वों ने मुठभेड़स्थल पर सुरक्षाबलों पर पथराव शुरू कर दिया। सुरक्षाबलों ने भीड़ को चेतावनी दी, लेकिन जब बात नहीं बनी तो उन्होंने भी ¨हसक भीड़ पर काबू पाने के लिए लाठियां, आंसूगैस, पैलेट गन और मिर्ची बम का इस्तेमाल किया। इसके साथ ही वहां ¨हसक झड़पों का दौर शुरू हो गया, जो कुछ ही देर में श्रीनगर के नौहट्टा, मैसूमा और एचएमटी के इलाके तक फैल गया। इन ¨हसक झड़पों में 20 लोग जख्मी हो गए। दाउद ने आइएसआइएस के जम्मू कश्मीर गुट की नींव रखी थी
कश्मीर में पांव पसार रहे खूंखार आतंकी संगठन आइएसआइएस के लिए दाउद उर्फ बुरहान मुसैब की मौत अब तक का सबसे बड़ा झटका है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, 30 वर्षीय दाउद बीते तीन सालों से बड़ा सिरदर्द बना हुआ था। पत्थरबाजी की घटनाओं में लिप्त दाउद करीब चार साल पहले सक्रिय आतंकी बना था। उसने तहरीक उल मुजाहिदीन संगठन को फिर से श्रीनगर और वादी के अन्य हिस्सों में सक्रिय किया और करीब दर्जन भर नए आतंकी जोड़े। एचएमटी के मुगीस व अहमद नगर के ईसा फाजली को तहरीक उल मुजाहिदीन में उसी ने शामिल किया और फिर आइएसआइएस के जम्मू कश्मीर गुट की नींव रखी। माजिद मंजूर डार, आदिल रहमान बट और मुहम्मद अशरफ जो लश्कर व हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी थे, को आइएसजेके में शामिल किया। दाउद श्रीनगर में एएसआइ गुलाम मुहम्मद और कांस्टेबल नसीर अहमद खान की हत्या व उनके हथियारों की लूट के अलावा टेंगपोरा बटमालू में भी सुरक्षाबलों पर हमले व हथियार लूट की वारदात में शामिल रहा है। वह सोशल मीडिया पर भी अपने साथियों संग सक्रिय था।
चार आतंकियों का मारा जाना कश्मीर में पांव पसार रहे आइएसआइएस के लिए बहुत बड़ा झटका है।
- डॉ. एसपी वैद, डीजीपी, जम्मू कश्मीर