दक्षिण कश्मीर से लापता पांच युवकों के आतंकियों के साथ मिलने की आशंका
राज्य ब्यूरो श्रीनगर घाटी में आतंकी संगठनों में स्थानीय युवकों की लगातार घटती भर्ती के
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : घाटी में आतंकी संगठनों में स्थानीय युवकों की लगातार घटती भर्ती के सरकारी दावों के बीच दक्षिण कश्मीर के पांच युवक संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए हैं। इनके आतंकी संगठनों में शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल पुलिस ने इनका पता लगाने के लिए विशेष अभियान चलाया है। स्वजनों व दोस्तों की भी मदद ली जा रही है।
यह पांचों पिछले 22 दिनों में लापता हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक इन लड़कों की पहचान शाहिद अहमद अलेई, मोहसिन अहमद वानी, नवाज अहमद गनई, उवैस अहमद मीर और बिलाल अहमद वागे के रूप में हुई है। इसमें 17 वर्षीय शाहिद अहमद अलेई छात्र है। कुलगाम में खूल-दम्हाल हांजीपोर से संबंध रखने वाला शाहिद श्रीनगर में रहकर पढ़ाई कर रहा था। वह सात फरवरी से लापता है। अन्य में एक लैब टेक्नीशियन और एक इलेक्ट्रीशियन हैं। लापता पांचों में मोहसिन अहमद वानी ही सबसे बड़ा है। दक्षिण कश्मीर में के शोपियां के अयंद गांव निवासी मोहसिन 10 फरवरी से लापता है। मुरन पुलवामा से लापता नवाज अहमद गनई इलेक्ट्रीशियन है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक उसके खिलाफ स्थानीय पुलिस चौकी में कभी हिसक या राष्ट्रविरोधी प्रदर्शन में हिस्सा लेने की कोई शिकायत नहीं है। उसके परिवार में भाई, मां-बाप हैं पुलवामा में ही अशमंदर गांव का एक्सरे टेक्नीशियन उवैस अहमद मीर 18 फरवरी से लापता है। वह पुलवामा में एक प्राइवेट पैथोलॉजी लैब में काम कर रहा था। उसके तीन भाई और मां-बाप हैं। उसका परिवार इलाके के प्रतिष्ठित परिवारों में है।
पुलवामा के उडीपोरा पंजगाम से 16 फरवरी को बशीर अहमद वागे लापता है। वह कई बार हिसक प्रदर्शनों में कथित तौर पर पकड़ा जा चुका है। एक बार हिसक प्रदर्शन के दौरान सुरक्षाबलों की कार्रवाई में उसकी बाजू टूट गई थी।
पुलिस ने पांचों के लापता होने की अलग-अलग एफआइआर दर्ज की है। पुलिस का कहना है कि इनका पता लगाया जा रहा है। अलबत्ता, दबी जुबान कई अधिकारियों ने इनके आतंकी संगठनों में जा मिलने की आशंका जताते हुए कहा कि इन्हें मुख्यधारा में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। स्वजनों और दोस्तों की मदद से पता लगाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियां भी सकते में
दक्षिण कश्मीर में बीते 22 दिनों में पांच युवकों के लापता होने से सुरक्षा एजेंसियां भी सकते में हैं। इससे पहले सुरक्षा एजेंसियां यही मानकर चल रही थीं कि आतंकी संगठनों में स्थानीय युवकों की भर्ती न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुकी है। जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह और सेना की 15वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेकएस ढिल्लो ने भी कई बार दावा किया है कि अब वादी में स्थानीय युवक आतंकी संगठनों से दूर हो रहे हैं। इस बीच, सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े एक अधिकारी ने अपना नाम न छापे जाने की शर्त पर कहा कि हम उन्हीं लड़कों के बारे में बात करते हैं, जिनके लापता होने की शिकायत दर्ज कराई जाती है। ऐसे भी कई लड़के हैं जो घरों से गायब हैं और उनके स्वजन पुलिस तक नहीं पहुंचे हैं। इसलिए लापता होने वाले युवकों की संख्या ज्यादा हो सकती है जो चिंता का विषय है।