आतंकी हमलों से बचाएगी इलेक्ट्रिक फेंसिंग
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर घाटी में अपने शिविरों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर आतंकिया
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर घाटी में अपने शिविरों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर आतंकियों के आत्मघाती हमलों को रोकने के लिए सीआरपीएफ ने अब इलेक्ट्रिक फेंसिंग का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। सिर्फ यही नहीं, सीआरपीएफ के जवानों को अत्याधुनिक और उच्च क्षमता वाली नाइट विजन डिवाइस (एनवीडी), ड्रोन व अन्य उपकरण भी दिए जा रहे हैं।
आतंकियों ने वादी में मौजूदा वर्ष में अवंतीपोरा, लेथपोरा और पुलवामा सहित कई जगह सीआरपीएफ के शिविरों पर आत्मघाती हमलों को अंजाम दिया है। इसी साल की शुरुआत में लेथपोरा में हुए आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के पांच जवान शहीद हो गए थे। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि लेथपोरा और हुमहामा स्थित आरटीसी कैंप की सुरक्षा व्यवस्था के आकलन और विभिन्न शिविरों की आंतरिक सुरक्षा का आडिट करने के बाद सभी शिविरों और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को नए सिरे से मजबूत बनाने की कार्ययोजना के तहत ही यह उपकरण लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सीआरपीएफ के जवानों की ड्रिल में भी व्यापक सुधार किया गया है। संतरी ड्यूटी पर तैनात रहने वाले जवानों की ट्रे¨नग में भी आवश्यक बदलाव किए गए हैं। उच्च क्षमता वाले नाईट विजन डिवाइस और ड्रोन सीआरपीएफ को उपलब्ध कराए गए हैं। हर जगह शरारती तत्वों की निगरानी के लिए जवानों को तैनात नहीं किया जा सकता, इसलिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे काम करेगी इलेक्ट्रिक फेंसिंग :
इलेक्ट्रिक फेंसिंग शिविरों और प्रतिष्ठानों की बाहरी दीवार के साथ लगाई जा रही है। इस तार में एक निश्चित क्षमता तक जबरदस्त झटका देने वाला करंट दौड़ता है। अगर कोई तार काटता है या कोई इंसान अथवा जानवर इसे पार करने का प्रयास करेगा तो उसे बिजली का जोरदार झटका लगेगा, जिससे वह मारा भी जा सकता है। इसके अलावा इस तार के संपर्क में आते ही शिविर के भीतर बने एक कक्ष में सायरन भी बजेगा।