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Earthquake in Jammu & Kashmir: जम्मू-कश्मीर में महसूस किए गए भूकंप के झटके, 4.4 रही तीव्रता

जम्मू-कश्मीर में फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।

By Nitin AroraEdited By: Published: Sat, 27 Jun 2020 02:50 PM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2020 03:05 PM (IST)
Earthquake in Jammu & Kashmir: जम्मू-कश्मीर में महसूस किए गए भूकंप के झटके,  4.4 रही तीव्रता
Earthquake in Jammu & Kashmir: जम्मू-कश्मीर में महसूस किए गए भूकंप के झटके, 4.4 रही तीव्रता

श्रीनगर, एएनआइ। जम्मू-कश्मीर में फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। जम्मू-कश्मीर में 4.4 तीव्रता का भूकंप आने से लोग सहम गए। भारत के भूकम्पविज्ञान के अनुसार, यह भूकंप 12 बजकर 32 मिनट पर आया। बताया गया कि जम्मू-कश्मीर के हानले से 332 किलोमीटर पूर्वोत्तर में भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि मध्यम तीव्रता का भूकंप होने के कारण जान-माल की हानि की जानकारी नहीं है।

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इससे पहले, NCS (National Centre for Seismology) के आंकड़ों के अनुसार, 14 जून को जम्मू-कश्मीर में 3.0 तीव्रता का भूकंप आया था। आंकड़ों के अनुसार, कटरा, जम्मू और कश्मीर के पूर्व में 90 किलोमीटर दूर था भूकंप का केंद्र। वहीं, देश में सबसे हालिया झटके मिजोरम, गुजरात और दिल्ली में महसूस किए गए।

दिल्ली ने पिछले दिनों में कुछ हल्के झटके महसूस किए हैं। एनसीएस ने कहा कि हरियाणा में बुधवार को 2.8 तीव्रता का भूकंप आया था। अब तक, राष्ट्रीय राजधानी और इसके आस-पास के क्षेत्रों जैसे कि नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम ने हाल के दिनों में कुल 18 झटके महसूस किए हैं। इनमें से 8 रोहतक में आए हैं। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में हाल ही में दर्ज किए गए सभी भूकंप निम्न से मध्यम तीव्रता के थे।

क्यों आता है भूकंप?

धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है, इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत, वर्गों में बंटी हुई है, जिन्हें टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं लेकिन जब ये बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप आ जाता है। ये प्लेट्स क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर, दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इसके बाद वे अपनी जगह तलाशती हैं और ऐसे में एक प्लेट दूसरी के नीचे आ जाती है।

क्यों टकराती हैं प्लेटें?

दरअसल ये प्लेंटे बेहद धीरे-धीरे घूमती रहती हैं। इस प्रकार ये हर साल 4-5 मिमी अपने स्थान से खिसक जाती हैं। कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है। ऐसे में कभी-कभी ये टकरा भी जाती हैं।

भूकंप के केंद्र और तीव्रता का क्या मतलब है?

भूकंप का केंद्र वह स्थान होता है जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

भूकंप की गहराई से क्या मतलब है?

मतलब साफ है कि हलचल कितनी गहराई पर हुई है। भूकंप की गहराई जितनी ज्यादा होगी सतह पर उसकी तीव्रता उतनी ही कम महसूस होगी।

कौन से भूकंप खतरनाक होते हैं?

रिक्टर स्केल पर आमतौर पर 5 तक की तीव्रता वाले भूकंप खतरनाक नहीं होते हैं, लेकिन यह क्षेत्र की संरचना पर निर्भर करता है। यदि भूकंप का केंद्र नदी का तट पर हो और वहां भूकंपरोधी तकनीक के बगैर ऊंची इमारतें बनी हों तो 5 की तीव्रता वाला भूकंप भी खतरनाक हो सकता है।


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