Amshipora Encounter Case: अमशीपोरा मुठभेड़ मामले में लापता श्रमिकों के परिवार के लिए गए डीएनए सैंपल
Amshipora Encounter Case कश्मीर से डीएसपी रैंक के एक अधिकारी के नेतृत्व में टीम ने राजौरी पहुंचकर लापता तीनों श्रमिकों के परिवार के छह सदस्यों के डीएनए सैंपल लिए।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। Amshipora Encounter Case: अमशीपोरा (शोपियां) मुठभेड़ को लेकर हुए विवाद और राजौरी के तीन श्रमिकों के लापता होने की गुत्थी सुलझाने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। वीरवार को कश्मीर से डीएसपी रैंक के एक अधिकारी के नेतृत्व में टीम ने राजौरी पहुंचकर लापता तीनों श्रमिकों के परिवार के छह सदस्यों के डीएनए सैंपल लिए। दो श्रमिक के माता-पिता और एक की मां व भाई के सैंपल लिए गए। इसके अलावा तीनों परिवारों को एसएसपी कार्यालय राजौरी बुलाकर बयान भी दर्ज करवाए गए। लापता श्रमिकों के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल का भी आकलन किया जा रहा है। इस बीच, आइजीपी (कश्मीर रेंज) विजय कुमार ने कहा कि अमशीपोरा मुठभेड़ को लेकर कोई भी तथ्य किसी से नहीं छिपाया जाएगा। इस मुठभेड़ में अगर कोई निर्दोष नागरिक मारा गया है तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।
श्रीनगर के शेरे कश्मीर स्टेडियम में स्वतंत्रता दिवस समारोह से एक दिन पूर्व वीरवार को हुई फुल ड्रेस रिहर्सल के बाद पत्रकारों से बातचीत में आइजीपी विजय कुमार ने कहा कि अमशीपोरा मुठभेड़ से जुड़े हर पहलू की बारीकी से जांच की जा रही है। इसलिए डीएसपी रैंक के एक अधिकारी को विशेष तौर पर राजौरी भेजा गया है। इधर, हीरपोरा पुलिस स्टेशन में अमशीपोरा मुठभेड़ से संबंधित एफआइआर व अन्य जानकारियों की भी जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि हम लापता श्रमिकों के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल का भी आकलन करेंगे। वह लापता होने से पहले किन लोगों के साथ संपर्क में थे, यह पता करना जरूरी है। यह भी पता लगाना है कि कहीं वह शोपियां में सक्रिय स्थानीय आतंकियों के साथ किसी तरह से संपर्क में थे या नहीं। हम लापता श्रमिकों के परिजनों के डीएनए के नमूने मारे गए आतकियों के डीएनए के साथ परखने के लिए केंद्रीय फारेंसिक लेबोरेटरी में भेजेंगे।
जानें, क्या है पूरा मामला
18 जुलाई, 2020 को अमशीपोरा (शोपियां) में सेना की 62 आरआर ने एक मुठभेड़ में तीन आतंकियों को मार गिराने का दावा किया। तीनों आतंकियों की पहचान की पुष्टि न होने पर उन्हें उत्तरी कश्मीर के बारामुला में दफनाया गया। इससे पूर्व शवों के डीएनए के नमूने भी लिए गए। इस बीच, राजौरी के तीन परिवारों ने 10 अगस्त को दावा किया कि उनके तीन परिजन रोजी रोटी कमाने कश्मीर गए थे। यह लोग शोपियां में मिर्जापुर इलाके में थे और 17 जुलाई के बाद से इनका कोई सुराग नहीं मिल रहा है। उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और दावा किया कि अमशीपोरा मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों की जो तस्वीरें सार्वजनिक हुई हैं, उनके आधार पर इस बात का पता चलता है कि लापता श्रमिकों को मुठभेड़ में मार दिया गया है। राजौरी के तीन परिवारों के आरोप के बाद अमशीपोरा मुठभेड़ विवादों के घेरे में आ गई है।
आतंकी मंसूबे कामयाब नहीं होने देंगे
कश्मीर में 15 अगस्त पर आतंकी हमले की आशंका के बारे में पूछे जाने पर आइजीपी विजय कुमार ने कहा कि राष्ट्रविरोधी और आतंकी तत्व अक्सर 15 अगस्त या 26 जनवरी पर कश्मीर में हालात बिगाड़ने की साजिश रचते हैं, लेकिन हम उनके मंसूबों को कामयाब नहीं होनें देंगे। हमने सुरक्षा का पूरा बंदोबस्त कर रखा है।