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रक्षा मंत्री के बयान पर चढ़ा सियासी पारा

जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकियों व उनके सरगनाओं के खिलाफ पुख्ता सूचना के आधार पर सर्जीकल ऑपरेशन व टार्गेट किलिंग की रणनीति अपनाने के रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर के बयान के बाद राज्य की सियासत ने जोर पकड़ लिया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 24 May 2015 01:20 AM (IST)Updated: Sun, 24 May 2015 04:15 AM (IST)
रक्षा मंत्री के बयान पर चढ़ा सियासी पारा

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकियों व उनके सरगनाओं के खिलाफ पुख्ता सूचना के आधार पर सर्जीकल ऑपरेशन व टार्गेट किलिंग की रणनीति अपनाने के रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर के बयान के बाद राज्य की सियासत ने जोर पकड़ लिया है। नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी जहां राज्य में एक बार फिर इख्वान संस्कृति शुरू करने के एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। वहीं अलगाववादी खेमे ने इसे कश्मीरियों को कश्मीरियों के हाथों मरवाने की साजिश करार दिया है।

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पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गत शुक्रवार को ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा था कि 'मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद कश्मीर में एक बार फिर इख्वानियों को पैदा कर रहे हैं। यही एक तरीका है आतंकियों से आतंकी मरवाने का।

यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि 1990 के दशक में कई आतंकी आत्मसमर्पण करने के बाद आतंकियों के सफाए में सुरक्षाबलों के साथ जुटे थे। इन्हें कश्मीर मे इख्वानी कहा जाता है। इन पर मानवाधिकारों के हनन के भी गंभीर आरोप लगे थे।

उमर के इस बयान पर पीडीपी के वरिष्ठ नेता और राज्य सरकार के प्रवक्ता नईम अख्तर ने पलटवार करते हुए कहा कि यहां सभी जानते हैं कि इख्वानियों को किसने पैदा किया। नेकां के शासनकाल में ही यहां इख्वानी पैदा हुए, नेकां ने कूका पारे, जावेद शाह जैसे इख्वानियों को सदन में एमएलए और एमएलसी भी बनाया। पीडीपी ने वर्ष 2002 में कश्मीर के लोगों को इख्वान राज से मुक्ति दिलाई है।

वहीं सैयद अली शाह गिलानी के प्रवक्ता एयाज अकबर ने कहा कि हमें मुफ्ती या मनोहर पार्रिकर से कोई उम्मीद नहीं है। मुफ्ती तो नेशनल कांफ्रेंस से भी बड़े भारतीय एजेंट हैं। इख्वानियों को फिर से पैदा करने का मतलब कश्मीरियों को कश्मीरियों के हाथों मरवाना है। यह कश्मीर में सरकारी दहशतगर्दी को बढ़ाने और आम कश्मीरी के कत्ल को जायज बनाने की साजिश है।

उदारवादी हुर्रियत कांफ्रेंस के प्रवक्ता शाहिद-उल-इस्लाम ने कहा कि रक्षा मंत्री के बयान और उस पर राज्य सरकार की चुप्पी ने साबित कर दिया है कि मुफ्ती बेशक कहें कि वह सियासत को विचारों की लड़ाई और बैटल ऑफ आइडिया कहें, लेकिन असल में वह अपने विरोधियों को मिटाने में यकीन रखते हैं। रक्षा मंत्री का बयान कहता है कि अगर आप हमारी तरफ हैं तो ठीक, अगर विरोधी खेमें में हैं तो आपका मरना लाजिमी है।

निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद ने कहा कि केंद्र में सत्तासीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य में पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार ने अब अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया है। उनके चेहरे से नकाब उतरने लगा है।

रक्षा मंत्री का यह बयान भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियों की आतंकवाद पर काबू पाने में नाकामी का सुबूत है जो अब वह ओछे और अमानवीय तरीकों को अपनाने की बात कर रहे हैं।


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