..जब सुरेश रैना ने बारामुला के मैदान में लगाए चौके-छक्के
-पूर्व दिग्गज क्रिकेटर ने स्थानीय खिलाड़ियों को दिए टिप्स -कश्मीर में क्रिकेट अकादमियों में नवोदित खिलाड़ियों को हर संभव मदद का दिलाया यकीन ------------------
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीरी युवाओं को खेल गतिविधियों में लगाने और उनमें क्रिकेट प्रतिभा को निखारने आए पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना ने बुधवार को उत्तरी कश्मीर के कुंजर (बारामुला) मैदान में अचानक पहुंचकर सभी को हैरान कर दिया। सुरेश रैना ने स्थानीय खिलाड़ियों के साथ बातचीत करते हुए मैदान पर कुछ शॉट (चौके-छक्के) भी लगाए और उन्हें टिप्स भी दिए।
सुरेश रैना ने स्थानीय खिलाड़ियों व अन्य लोगों के साथ खेल सुविधाओं और खेल के क्षेत्र में करियर की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि अगर इमानदारी के साथ प्रयास किया जाए तो किसी को आगे बढ़ने से नहीं रोका जा सकता। उन्होंने स्थानीय खिलाड़ियों के साथ क्रिकेट के अपने अनुभव भी बांटे। उन्होंने कश्मीर के साथ अपने संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि मेरी जड़ें तो यहीं पर हैं, इसलिए मैं चाहता हूं कि यहां के नौजवान खेलों में और जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ें।
करीब एक घंटे तक कुंजर में स्थानीय लोगों के साथ बात करते और मैदान पर अपना हुनर दिखाते हुए सुरेश रैना ने कहा कि वह स्थानीय युवाओं के सपनों को साकार करने में पूरी मदद करेंगे। उन्होंने स्थानीय खेल सुविधाओं में सुधार का यकीन दिलाया। उन्होंने कहा कि कश्मीर में जो क्रिकेट अकादमियां स्थापित की जाएंगी, उनमें नवोदित खिलाड़ियों को हर संभव मदद दी जाएगी। कश्मीर के युवाओं में क्रिकेट का जुनून :
सुरेश रैना ने एक संक्षिप्त बातचीत में कहा कि यहां लोगों में क्रिकेट का जुनून है। मैं करीब एक सप्ताह से कश्मीर में हूं। मैं यहां कई युवा खिलाड़ियों से मिला हूं, उनमें प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर प्रदेश प्रशासन यहां युवाओं के कल्याण को लेकर बहुत गंभीर है। जल्द ही यहां क्रिकेट अकादमी होगी। मेरा प्रयास है कि वादी के लगभग हर शहर और कस्बे के युवा अकादमी में शामिल हों। कश्मीर मे अगर पर्याप्त सुविधाएं हों तो यहां सिर्फ क्रिकेट ही नहीं अन्य खेलों के भी दिग्गज खिलाड़ी नजर आएंगे। अनंतनाग का रहने वाला है रैना का परिवार :
सुरेश रैना का परिवार मूलत: दक्षिण कश्मीर में कोकरनाग (अनंतनाग) का रहने वाला है। बाद में उनका परिवार श्रीनगर के रैनावारी इलाके में आकर बस गया और आतंकवाद का दौर शुरू होने से पूर्व उनके पिता व परिवार के अन्य सदस्य कश्मीर से चले गए थे।