Baba Amarnath Yatra 2020 : छड़ी मुबारक ने शंकराचार्य मंदिर में की पूजा
दशनामी अखाड़ा के महंत दीपेंद्र गिरी के नेतृत्व में पवित्र छड़ी मुबारक में भगवान शंकर का जलाभिषेक और पूजा की।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो । डल झील किनारे गोपाद्री पर्वत के शिखर पर स्थित शंकराचार्य मंदिर में सोमवार को भगवान अमरेश्वर की छड़ी मुबारक के आगमन पर हर-हर महादेव और जय बाबा बर्फानी के जयघोष से पूरा वातावरण शिवमय हो गया। दशनामी अखाड़ा के महंत दीपेंद्र गिरी के नेतृत्व में पवित्र छड़ी मुबारक में भगवान शंकर का जलाभिषेक और पूजा की। इस बीच, काेविड-19 से पैदा हालात के मददेनजर केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा की वार्षिक तीर्थयात्रा 2020 को फिलहाल स्थगित रखा है। यात्रा शुरु करने पर अगले एक दो दिन में अंतिम फैसला लिए जाने की संभावना है।
समुद्रतल से करीब 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित भगवान अमरेश्वर की पवित्र गुफा जहां भगवान शंकर ने मां पार्वती को अमरत्व की कथा सुनाई थी, की हर साल आषाण पूर्णिमा के दिन से पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक श्रावण पूर्णिमा तक तीर्थयात्रा का विधान है। बीते कुछ वर्षाें के दौरान श्रद्धालुओं की लगातार बड़ती संख्या के मददेनजर इस यात्रा की अवधि को एक माह से दो माह तक परिस्थितियों के अनुरुप संचालित किया जा रहा है। इस साल यह तीर्थयात्रा 23 जून को शुरु होनी थी,लेेकिन कोविड-19 के मददेनजर इसे स्थगित कर दिया गया था। प्रदेश प्रशासन अब आम श्रद्धालुओं के लिए इसे बाल्टाल के मार्गसे ही शुरु करने पर विचार कर रहा है। कहा जा रहाहै कि यात्रा 21 जुलाई को शुरु की जा सकती है,लेकिन आज सुबह तक प्रशासन ने इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया था।श्री अमरनाथ श्राईण बोर्डसे जुड़े सूत्रों के मुताबिक, यात्रा को लेकर आज शाम को या फिर अगले दो दिन में ही अंतिम फैसला लिए जाने की उम्मीद है।
इस बीच, पवित्र छड़ी मुबारक के संरक्षक दशनामी अखाड़ा के महंत दिपेंद्र गिरी ने छड़ी मुबारक की पवित्र गुफा की तरफ रवानगी से पूर्व किए जाने वाले धार्मिक अनुष्ठानों को पूरा करना शुरु कर दिया है। महंत दिपेंद्र गिरी के नेृृत्व में आज छड़ी मुबारक ने गोपाद्री पर्वत पर स्थित शंकराचार्य मंदिर में भगवान शंकर की पूजा की। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच छड़ी मुबारक आज सुबह दशनामी अखाड़ा से शंकराचार्य मंदिर के लिए रवाना हुई । शंकराचार्य मंदिर में सनातन और पौराणिक मान्यताओं के अनुरुप वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ छड़ी मुबारक ने भगवान शंकर की पूजा की। करीब एक घंटे में यह अनुष्ठान संपन्न् हुआ।इसके बाद छड़ी मुबारक अपने विश्रामस्थल दशनामी अखाड़ा में लौट आयी।
दशनामी अखाड़ा के महंत दिपेंद्र गिरी ने बताया कि 21 जुलाई मंगलवार को छड़ी मुबारक हारी पर्वत पर स्थित मां शारिक के मंदिर में पूजा के लिए जाएगी। मांं शारिका भवानी श्रीनगर की अधीष्ठ देवी हैं। मां शारिक की पूजा के बाद 23 जुलाई शनिवार को दशनामी अखाड़ा अमरेश्वर धाम मंदिर में पवित्र छड़ी मुबारक की स्थापना औ ध्वजाराेहण होगा। इसके बाद 25 जुलाई काे छड़ी मुबारक श्रीनगर से पवित्र गुफा के लिए प्रस्थान करेगी।