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कश्मीर में आतंकियों के लिए काल बने सीसीटीवी

कश्मीर में सुरक्षाबलों के लगातार प्रहार से आतंकी जान बचाते भाग रहे हैं। वे सीसीटीवी कैमरों से पूरी तरह डरे हुए हैं। घाटी में लगाए गए सीसीटीवी में आतंकियों की वारदात रिकार्ड होने से सुरक्षाबलों के लिए उन्हें चिह्नित करने में आसानी हो रही है। इस कारण कई आतंकी मारे या पकड़े गए हैं। बौखलाहट में आतंकियों ने लोगों को सीसीटीवी नहीं लगाने की धमकी तक दे डाली है। वे इसे कश्मीरी महिलाओं की निजता से जोड़ते हुए कह रहे हैं कि इनमें हमारी मां-बहनों की तस्वीरें कैद हो जाती हैं। इस बीच पुलिस ने आतंकी धमकियों का संज्ञान लेते हुए लोगों को सुरक्षा का यकीन दिलाया। उन्होंने इसे आतंकियों की बौखलाहट बताया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Apr 2022 08:11 AM (IST)Updated: Sun, 17 Apr 2022 08:11 AM (IST)
कश्मीर में आतंकियों के लिए काल बने सीसीटीवी
कश्मीर में आतंकियों के लिए काल बने सीसीटीवी

नवीन नवाज, श्रीनगर : कश्मीर में सुरक्षाबलों के लगातार प्रहार से आतंकी जान बचाते भाग रहे हैं। वे सीसीटीवी कैमरों से पूरी तरह डरे हुए हैं। घाटी में लगाए गए सीसीटीवी में आतंकियों की वारदात रिकार्ड होने से सुरक्षाबलों के लिए उन्हें चिह्नित करने में आसानी हो रही है। इस कारण कई आतंकी मारे या पकड़े गए हैं। बौखलाहट में आतंकियों ने लोगों को सीसीटीवी नहीं लगाने की धमकी तक दे डाली है। वे इसे कश्मीरी महिलाओं की निजता से जोड़ते हुए कह रहे हैं कि इनमें हमारी मां-बहनों की तस्वीरें कैद हो जाती हैं। इस बीच, पुलिस ने आतंकी धमकियों का संज्ञान लेते हुए लोगों को सुरक्षा का यकीन दिलाया। उन्होंने इसे आतंकियों की बौखलाहट बताया।

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कश्मीर में आतंकियों द्वारा बीते दिनों भीड़ भरे इलाकों में ग्रेनेड हमले करने और निर्दाेष नागरिकों को उनके घरों में दाखिल होकर मौत के घाट उतारने की घटनाओं का संज्ञान लिया है। भीड़ भरे स्थानों, धर्मस्थलों, प्रमुख व्यापारिक प्रतिष्ठानों और बाजारों में सीसीटीवी लगाने का निर्देश दिया है। निर्देश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी है। पुलिस ने भी प्रदेश के विभिन्न शहरों व कस्बों में करीब 500 नए सीसीटीवी जो क्षेत्रीय और जिला नियंत्रण कक्ष से जुड़े रहेंगे, स्थापित करने का फैसला किया है। आतंकियों को पकड़ने में सीसीटीवी की भूमिका अहम :

पुलिस महानिरीक्षक (आइजीपी) कश्मीर विजय कुमार के मुताबिक, लाल चौक से सटे हरि सिंह हाइस्ट्रीट में दो मार्च को हुए ग्रेनेड हमले और उससे पहले जनवरी में हुए ग्रेनेड हमलों में लिप्त आतंकियों को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चिह्नित कर पकड़ा है। मैसूमा में इसी माह सीआरपीएफ जवानों पर हमले में लिप्त आतंकियों व उनके ओवरग्राउंड वर्कर की निशानदेही घटनास्थल के पास सीसीटीवी कैमरे से ही हुई है। श्रीनगर से बाहर कई अन्य जगहों पर वारदात में शामिल आतंकियों को पकड़ने में सीसीटीवी की भूमिका अहम रही है। सिर्फ वारदात की बात नहीं हैं, अन्य असामाजिक तत्वों और अपराधियों को पकड़ने में भी सीसीटीवी मददगार साबित होते हैं। इसलिए सभी को सीसीटीवी लगाने की सलाह दी गई हैं। बहू-बेटियों का वास्ता देने लगे आतंकी :

सीसीटीवी के प्रति आम लोगों में बढ़ती जागरूकता से आतंकी बौखलाहट में हैं। उन्होंने इंटरनेट मीडिया का सहारा लेते हुए लोगों को धमकाते हुए कहा कि जो भी सीसीटीवी लगवाने की सोच रहा है, वे भुगतने के लिए तैयार रहे। आतंकी संगठन ने कहा है कि यह सिर्फ हमारे लोगों का मसला नहीं है, कश्मीर की बहू-बेटियों का है, सीसीटीवी में उनकी तस्वीरें कैद हो जाती हैं। आतंकी से लेकर ओजीडब्ल्यू खौफ में :

एसएसपी रैंक के अधिकारी ने कहा कि बाजार एसोसिएशनों और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों के संचालकों व आम लोगों द्वारा सीसीटीवी लगाने से आतंकी घबरा गए हैं। उन्हें लगता है कि वे कहीं नहीं छिप सकते और न वारदात कर भाग सकते हैं। ओवरग्राउंड वर्कर सीसीटीवी से खौफ में हैं। कई वर्करों ने हैंडलरों से कहा है कि वे अब उनके लिए काम नहीं कर सकते क्योंकि सीसीटीवी में अगर वे कहीं किसी गतिविधि में शामिल नजर आए तो उन्हें कानून के पंजे से कोई नहीं छ़ुड़ा पाएगा। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को वह नहीं झुठला सकते। यह उनके गुनाहों का सबसे बड़ा गवाह होता है। इसलिए वह अब लोगों को धमका रहे हैं। उन्होंने कहा कि आतंकियों ने पहले स्थानीय किसानों को अपने बागों की तारबंदी न करने का फरमान सुनाया था,क्योंकि आतंकी बाग और खेतों में छिपते थे। किसानों खुद बाग में जाने से डरते थे,लेकिन जब बागों की तारबंदी शुरु हुई तो किसान बेखौफ होकर अपने बागों में जाने लगे,क्योंकि आतंकियों के लिए एक अवरोधक लग चुका था।


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