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Kashmir: कश्मीर में महिला पत्रकार पर यूएपीए के तहत दर्ज हुआ केस

जम्मू-कश्मीर में वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) के माध्यम से सोशल मीडिया का दुरुपयोग कानून व्यवस्था के लिए खतरा बन गया है

By Edited By: Published: Tue, 21 Apr 2020 10:35 AM (IST)Updated: Tue, 21 Apr 2020 10:35 AM (IST)
Kashmir: कश्मीर में महिला पत्रकार पर यूएपीए के तहत दर्ज हुआ केस
Kashmir: कश्मीर में महिला पत्रकार पर यूएपीए के तहत दर्ज हुआ केस

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर घाटी में सोशल मीडिया पर राष्ट्रविरोधी और शांति भंग करने वाली तस्वीरें अपलोड कर युवाओं को भड़काने के आरोप में पुलिस की साइबर सेल ने सोमवार को एक स्वतंत्र महिला पत्रकार के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधिया रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि मसर्रत जाहरा नामक महिला पत्रकार सोशल मीडिया पर लगातार कुछ ऐसी तस्वीरें और वीडियो अपलोड कर रही थी, जिससे कश्मीर में हालात बिगाड़ सकते हैं। उसके पोस्ट अत्यंत भड़काऊ हैं और युवाओं में जिहादी मानसिकता पैदा कर सकते हैं।

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इस बीच कश्मीर प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष मोअज्जम मोहम्मद ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और उपराज्यपाल जीसी मुर्मू से जाहरा के खिलाफ एफआइआर रद करवाने की मांग की है। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा और नेशनल कांफ्रेंस ने भी इसकी आलोचना की है। जम्मू-कश्मीर में वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) के माध्यम से सोशल मीडिया का दुरुपयोग कानून व्यवस्था के लिए खतरा बन गया है। ऐसे में जम्मू-कश्मीर में पुलिस की साइबर सेल ने सोशल मीडिया पर राष्ट्रविरोधी मानसिकता पैदा करने वाले तत्वों के खिलाफ अभियान चला रखा है। पुलिस ने बीते सप्ताह करीब आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। हालांकि किसी पत्रकार के खिलाफ बीते एक माह में एफआइआर दर्ज करने का यह पहला मामला है।

एक अन्य पत्रकार पर भी केस: प्रवक्ता ने बताया कि जाहरा के अलावा एक अन्य वरिष्ठ पत्रकार पीरजादा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। गत सप्ताह शोपियां में हुई मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए थे। आरोप है कि पीरजादा आशिक ने इस मुठभेड़ पर दी गई खबर के तथ्य सही नहीं हैं और जो उन्होंने लिखा, उससे हालात बिगड़ सकते हैं। उन्होंने इसकी प्रशासन से पुष्टि नहीं की। उन पर अनंतनाग में एफआइआर दर्ज की गई है।

मीडियाकर्मियों को फर्जी और आधे अधूरे तथ्यों पर खबरें प्रकाशित नहीं करनी चाहिएं। ऐसी खबरों से देश की एकता-अखंडता और सुरक्षा को नुकसान पहुंचता है। इसके अलावा आम लोगों में डर पैदा होता है और कानून-व्यवस्था का संकट भी बनता है। इसलिए कोई भी खबर प्रकाशित करने से पहले पुष्टि अवश्य कराएं। - विजय कुमार, आइजीपी कश्मीर


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