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अलगाववादियों के आह्वान को ठेंगा, बेखौफ होकर किया मतदान

राज्य ब्यूरो श्रीनगर कश्मीर घाटी में वीरवार को लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Apr 2019 02:42 AM (IST)Updated: Fri, 12 Apr 2019 06:27 AM (IST)
अलगाववादियों के आह्वान को  ठेंगा, बेखौफ होकर किया मतदान
अलगाववादियों के आह्वान को ठेंगा, बेखौफ होकर किया मतदान

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर घाटी में वीरवार को लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के खिलाफ अलगाववादियों के बंद के आह्वान का मतदान पर कोई असर नहीं दिखा। लोगों ने अलगाववादियों के फरमान को ठेंगा दिखाते हुए बेखौफ होकर मतदान किया। हालांकि सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा। इस दौरान कई जगहों पर पुलिस और बंद समर्थकों के बीच हिसक झड़पें भी हुई। एहतियात के तौर पर प्रशासन ने उत्तरी कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में मोबाइल सेवाओं सीमित करने के साथ ही बनिहाल-बारामुला रेल सेवा को भी बंद रखा था।

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गौरतलब है कि हुíरयत कांफ्रेंस समेत विभिन्न अलगाववादी संगठनों के साझा मंच ज्वायंट रजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) ने बुधवार को कश्मीर में चुनाव और अलगाववादी नेताओं से एनआइए द्वारा पूछताछ व जेलों में बंद कश्मीरी कैदियों को दूसरे राज्यों की जेलों में स्थानांतरित करने के खिलाफ वीरवार को कश्मीर बंद का आह्वान किया था। अलगाववादियों ने बारामुला कुपवाड़ा संसदीय सीट के लिए मतदान का बहिष्कार करने के लिए कहा था।

वीरवार सुबह ही जवाहर सुरंग से लेकर उत्तरी कश्मीर के लोलाब तक अलगाववादियों के बंद का असर रहा। सभी दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान और शिक्षण संस्थान भी बंद रहे। सड़कों पर वाहनों की आवाजाही नाममात्र रही। हालांकि, आज सिर्फ उत्तरी कश्मीर में ही प्रशासन ने मतदान को लेकर सरकारी अवकाश घोषित कर रखा था। लेकिन श्रीनगर, बड़गाम, गांदरबल, पुलवामा, कुलगाम, शोपियां और अनंतनाग में भी सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति नाममात्र रही।

सोपोर और काजीबाद में रहा बंद का असर

अलगाववादियों ने बंद के आहवान के साथ ही उत्तरी कश्मीर में लोगों से मतदान का बहिष्कार करने को भी कहा था। लेकिन मतदान बहिष्कार का असर सिर्फ सोपोर व काजीबाद में कुछ हद तक नजर आया। अन्यत्र लोग अपने मताधिकार के प्रयोग के लिए बिना किसी खौफ मतदान केंद्रों तक पहुंचे। अलगाववादियों के बंद के आह्वान के दौरान विधि व्यवस्था का संकट पैदा होने की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने श्रीनगर समेत पूरी वादी में सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त किया था। लेकिन परिपोरा, डाउन-टाउन के कुछ हिस्सों और पल्हालन में शरारती तत्वों व पुलिस के बीच छिट पुट हिसक झड़पों के अलावा स्थिति पूरी तरह शांत व नियंत्रित रही।


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