कश्मीर के बांदीपोरा जिले के गुरेज सेक्टर में हिमस्खलन के कारण कई मकान क्षतिग्रस्त
कश्मीर के बांदीपोरा जिले में गुरेज सेक्टर के एक गांव में हिमस्खलन के कारण कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए। अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान किसी के हताहत होने की खबर नहीं मिली है
श्रीनगर, (एजेंसी)। कश्मीर के बांदीपोरा जिले में गुरेज सेक्टर के एक गांव में हिमस्खलन के कारण कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए। अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान किसी के हताहत होने की खबर नहीं मिली है। आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि गुरेज के खांडियाल गांव में हिमस्खलन हुआ।
उन्होंने कहा कि इससे कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए।अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान किसी के हताहत होने की कोई जानकारी नहीं मिली है। अधिकारियों ने कहा कि किसी की मौत या किसी के घायल होने की सूचना नहीं मिली है।
जानकारी हो कि उधर, भारी भूस्खलन के कारण जम्मू-श्रीनगर हाईवे वीरवार को भी बंद रहा था। रामबन जिला में 20 से ज्यादा स्थानों पर भूस्खलन हुआ। पहाड़ों से गिरते पत्थरों के कारण हाईवे से मलबा हटाने का काम प्रभावित हुआ। रामबन से पंतिहाल के बीच करीब 140 वाहन में 300 यात्री फंसे हैं। मोमपस्सी क्षेत्र में भूस्खलन से करीब डेढ़ दर्जन मकानों को खाली कराया गया। इन घरों में रहने वालों ने आसपास रहने वाले अपने रिश्तेदारों के घरों में शरण ली है। मौसम का मिजाज बिगड़ने से हाईवे पर हजारों वाहन रामबन से ऊधमपुर के बीच फंसे हुए हैं।
बुधवार को सुबह से रात तक करीब तीन बार हाईवे बंद हुआ। मगर मलबा हटा कर इसे खोल दिया गया, लेकिन रात को भारी बारिश से विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन के कारण पहाड़ों से पत्थर गिरने शुरू हो गए। वीरवार को बारिश के कारण नाशरी से जवाहर सुरंग तक 20 से ज्यादा स्थान पर भूस्खलन होने से बंद हाईवे नहीं खुल पाया। हाईवे पर नाशरी, पीड़ा, कुंफर नाल, मिहाड़, सेरी, टी-2, मारोग में पुल सहित कई स्थानों पर, बैट्री चश्मा क्षेत्र में करीब चार स्थानों पर, अनोखी फाल-1, अनोखी फाल-2, डिगडोल, समाधि मोड़, खूनी नाला, चेल, पंतिहाल, किश्तवाड़ी पत्थर में भूस्खलन हुआ।
डीएसपी ट्रैफिक रामबन सुरेश शर्मा ने बताया कि भारी बारिश होने से कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ है। मारोग व अनोखी फाल सहित कुछ स्थानों पर काफी मलबा सड़क पर गिरा है। रास्ते में फंसे वाहनों को सुरक्षित स्थानों पर रुकवाया गया और रामबन से पंतिहाल के बीच फंसे यात्रियों को ठहराने के लिए स्थानीय लोगों की मदद ली गई है।