अता हसनैन ने कहा आम कश्मीरियों ने आतंकवाद का कभी नहीं दिया साथ
केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने सोमवार को कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच शाति सौहार्द और आपसी सहयोग का वातावरण सिर्फ दोनों मुल्कों के बीच बातचीत से ही तैयार हो सकता है। आम कश्मीरी आतंकवाद व अलगाववाद का कभी भी समर्थक नहीं रहा है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने सोमवार को कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच शाति, सौहार्द और आपसी सहयोग का वातावरण सिर्फ दोनों मुल्कों के बीच बातचीत से ही तैयार हो सकता है। आम कश्मीरी आतंकवाद व अलगाववाद का कभी भी समर्थक नहीं रहा है।
अता हसनैन उत्तरी कश्मीर में ब्रिगेड कमाडर भी रह चुके हैं। वह कश्मीर स्थित सेना की चिनार कोर के कमाडर भी रहे हैं। बारामुला में समारोह के दौरान सोमवार को पत्रकारों के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि कश्मीरी अवाम ने शुरू से ही भारतीय लोकतंत्र और संविधान में आस्था जताई है। कश्मीरियों ने कभी भी आतंकवाद का समर्थन नहीं किया है। आम कश्मीरी यहा शाति, सुरक्षा, विकास का वातावरण चाहता है। अता हसनैन ने कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के पीछे कौन सी ताकतें हैं, यह सभी जानते हैं। इसलिए बेहतर यही है कि पाकिस्तान को इस पूरे क्षेत्र में शाति, सौहार्द और विकास का माहौल बनाए रखने के लिए भारत सरकार के प्रयासों में सहयोग करना चाहिए। आतंकवाद का समर्थन कर पाकिस्तान ज्यादा देर तक नहीं टिक पाएगा। अगर वह जम्मू कश्मीर में आतंकी हिंसा और अलगाववाद को बढ़ावा देना बंद करता है, भारत के साथ संबंध सामान्य बनाता है तो इसका फायदा उसे ही होगा। पाकिस्तान में भी विकास और स्थिरता का माहौल बनेगा, पाकिस्तान में भी लोकतंत्र मजबूत होगा। पाकिस्तान भी आíथक रूप से खुशहाल होगा। हमदर्द है तो साबित भी करें पाकिस्तान
अता हसनैन ने कहा कि पाकिस्तान अगर कहता है कि वह जम्मू कश्मीर के लोगों का हमदर्द है तो उसे साबित भी करना चाहिए। वह यह तभी साबित करेगा जब वह जम्मू कश्मीर में हालात को पूरी तरह सामान्य बनान में भारत सरकार का सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि हालात को पूरी तरह सामान्य बनाने और पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में शाति व सुरक्षा का माहौल बनाए रखने के लिए जरूरी है कि भारत-पाकिस्तान क बीच स्थायी शाति हो। यह तभी होगी जब दोनों मुल्कों के बीच बातचीत की प्रक्रिया बहाल होगी।