Article 370: उमर व फारूक अब्दुल्ला नहीं जाएंगे अदालत में रिहाई के लिए
एहतियातन हिरासत में लिए गए उमर अब्दुल्ला और पीएसए के तहत बंदी बनाए गए नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला अपनी रिहाई के लिए अदालत का सहारा नहीं लेंगे
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। एहतियातन हिरासत में लिए गए पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत बंदी बनाए गए नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला अपनी रिहाई के लिए अदालत का सहारा नहीं लेंगे।
गौरतलब है कि पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 को लागू करने से पूर्व चार अगस्त की मध्य रात्रि को प्रशासन ने एहितयात के तौर पर डॉ. फारूक और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं व कार्यकत्र्ताओं को हिरासत में ले लिया था।
पीडीपी की अध्यक्षा व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को भी एहतियातन हिरासत में लिया है। तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके श्रीनगर के मौजूदा सांसद डॉ. फारूक अब्दुल्ला पर गत सितंबर के दौरान पीएसए लागू किया है।
मुलाकात की अनुमति नहीं मिली :
मसूदी नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता व दक्षिण कश्मीर के सांसद हसनैन मसूदी ने कहा कि हम लोग डॉ. फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला से छह अक्टूबर को मिले थे। उसके बाद से हमारी दोनों नेताओं से कोई मुलाकात नहीं हुई है। उस समय हमने इनके साथ रिहाई के लिए अदालत का रास्ता अपनाने पर विचार विमर्श किया था। उस समय उन्होंने हमें साफ शब्दों में कह दिया था कि जब तक पांच अगस्त और उसके बाद हिरासत में लिए गए अन्य सभी राजनीतिक लोगों को रिहा नहीं किया जाता, तब तक वह भी अपनी रिहाई के लिए किसी कानूनी विकल्प को नहीं अपनाएंगे।
हसनैन मसूदी ने कहा कि छह अक्टूबर के बाद हमने कई बार डॉ. फारूक और उमर अब्दुल्ला से मुलाकात का प्रयास किया है, लेकिन हमारी मुलाकात नहीं हुई है। संबंधित प्रशासन से कई बार मुलाकात की अनुमति मांगी, लेकिन अनुमति नहीं मिली है।