सेना प्रमुख पहुंचे कश्मीर, तय की आतंकरोधी तंत्र की रणनीति
थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सैन्य कमांडरों की नेतृत्व कुशलता, कर्तव्यनिष्ठा और राष्ट्रभक्ति को सराहा।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने बुधवार को श्रीनगर में एक उच्चस्तरीय बैठक कर कश्मीर के आंतरिक और बाहरी सुरक्षा परिदृश्य का जायजा लेते हुए आतंकवाद व घुसपैठरोधी तंत्र की रणनीति भी तय की। थलसेना प्रमुख जनरल रावत सुबह श्रीनगर पहुंचे। उत्तरी कमान प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल डी अनबू और चिनार कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जीएस संधू ने थलसेना प्रमुख की टेक्निकल एयरपोर्ट पर आगवानी की।
श्रीनगर पहुंचने के फौरन बाद जनरल रावत ने बादामी बाग सैन्य छावनी स्थित चिनार कोर मुख्यालय में कश्मीर घाटी में तैनात सभी प्रमुख सैन्य कमांडरों के साथ बैठक की। लेफ्टिनेंट जनरल जेएस संधू ने हाल ही में कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ चलाए गए अभियानों और उत्तरी कश्मीर में एलओसी पर सरहद पार से घुसपैठ के प्रयासों पर एक प्रिजेंटेंशन देते हुए सेना द्वारा कश्मीर के भीतरी इलाकों से लेकर नियंत्रण रेखा पर अपनाई जा रही रणनीति पर रोशनी डाली।
जनरल रावत ने सैन्य कमांडरों की नेतृत्व कुशलता, कर्तव्यनिष्ठा और राष्ट्रभक्ति को सराहा। उन्होंने कहा कि अत्यंत चुनौतीपूर्ण हालात में वह जिस तरह से काम कर रहे हैं, वह किसी भी देश की सेना के लिए अनुकरणीय है। उन्होंने सभी सुरक्षा एजेंसियों व राज्य प्रशासन के साथ समन्वय बनाए रखने व जनहित कार्याें में भी योगदान के लिए सैन्य अधिकारियें को प्रेरित किया। उन्होंने कश्मीर में शांति, सुरक्षा और विश्वास का माहौल बनाए रखने के उनके प्रयासों को भी सराहा।