पांच चक्रीय सुरक्षा में रहेगी अमरनाथ यात्रा
देश-विदेश से सभी श्रद्धालु बिना डर के श्री अमरनाथ जी की वार्षिक तीर्थयात्रा पर आएं। यात्रा के लिए पांच चक्रीय सुरक्षा होगी। सुरक्षा के लिए केंद्रीय अर्धसैनिकबलों की 300 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की जाएंगी। इनके अलावा सेना की 10-15 कंपनियां भी यात्रा मार्गो पर तैनात रहेंगी।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: देश-विदेश से सभी श्रद्धालु बिना डर के श्री अमरनाथ जी की वार्षिक तीर्थयात्रा पर आएं। यात्रा के लिए पांच चक्रीय सुरक्षा होगी। सुरक्षा के लिए केंद्रीय अर्धसैनिकबलों की 300 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की जाएंगी। इनके अलावा सेना की 10-15 कंपनियां भी यात्रा मार्गो पर तैनात रहेंगी। कश्मीर में पहले से मौजूद सुरक्षाबल आतंकरोधी अभियान चलाएंगे ताकि आतंकी किसी भी तरह से श्रद्धालुओं और यात्रा मार्गो के आसपास फटक न पाएं। श्रद्धालुओं के वाहनों पर ही नहीं, बल्कि उनकी कलाई पर भी आरएफआइडी (रेडियो फ्रैंक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन डिवाइस) से लैस एक बैंड होगा ताकि वह सुरक्षा कवच से बाहर नहीं जा पाएं। सुरक्षा के लिए ड्रोन की भी मदद ली जाएगी। अमरनाथ यात्रा इस वर्ष 30 जून से शुरू हो रही है जोकि 11 अगस्त तक चलेगी। 2020 और 2021 में कोविड-19 से उपजे हालात में यह आम श्रद्धालुओं के लिए बंद रखी गई थी। सिर्फ छड़ी मुबारक ही भगवान अमरेश्वर की पवित्र गुफा में सभी धार्मिक अनुष्ठान संपन्न करने पहुंची थी। इस वर्ष तीर्थयात्रा में करीब छह लाख श्रद्धालुओं के आगमन का अनुमान है। वादी में सुधरते हालात को देखते हुए आतंकी संगठन यात्रा को निशाना बनाने की साजिश में लगे हैं। केंद्रीय गृह सचिव ने बीते दिनों श्रीनगर में एक उच्चस्तरीय बैठक में तीर्थयात्रा के सुरक्षा प्रबंधों का जायजा भी लिया है। गृह मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय अर्धसैनिकबलों की 300 अतिरिक्त कंपनियां यात्रा के दौरान सुरक्षा प्रबंधों में शामिल रहेंगी। अधिकांश कंपनियां सीआरपीएफ की ही होंगी। सीआरपीएफ की 150 अतिरिक्त कंपनियां यात्रा ड्यूटी के लिए अन्य राज्यों से आएंगी। इनका आना शुरू भी हो गया है। बीएसएफ, आइटीबीपी, सीमा सशस्त्र बल, सीमा सुरक्षाबल, सीआइएसएफ की भी कंपनियां भी तैनात रहेंगी। सीमा सुरक्षाबल की करीब 80 कंपनियां मई के अंत तक कश्मीर में पहुंच जाएंगी, जबकि आइटीबीपी और एसएसबी की 30-40 कंपनियां अन्य राज्यों से आएंगी। ये इलाके अधिक संवेदनलशील
अधिकारी ने बताया कि अमरनाथ यात्रा के दौरान जम्मू-श्रीनगर, अनंतनाग-पहलगाम, श्रीनगर-गांदरबल मार्ग पर सुरक्षा का विशेष प्रबंध रहेगा। यह मार्ग यात्रा के दौरान सबसे ज्यादा संवेदनशील माने जाते हैं। लखनपुर-जम्मू के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुछ विशेष स्थानों को भी संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। आरएफआइडी चिप के यात्रा नहीं
अमरनाथ यात्रा के लिए कोई भी वाहन बिना आरएफआइडी चिप के आगे नहीं बढ़ेगा। चिप लगने से यह वाहन संबंधित नियंत्रण कक्ष की लगातार निगरानी में होगा। राष्ट्रीय राजमार्ग पर श्रद्धालुओं के वाहनों के आवागमन का समय निश्चित होगा। तय समय सीमा से पहले या बाद में श्रद्धालुओं का कोई भी वाहन यात्रा मार्ग पर नहीं चलेगा। अमरनाथ यात्रा के पंजीकरण काउंटर पर प्रत्येक श्रद्धालु को कलाई पर बांधने के लिए आरएफआइडी चिप से लैस एक बैंड दिया जाएगा। यह बैंड यात्रा मार्ग पर स्थापित सैटेलाइट टावरों के साथ संपर्क में रहेगा। इससे श्रद्धालुओं और उनके वाहनों की आवाजाही निरंतर निगरानी में रहेगी। यात्रा पर 400 सीसीटीवी कैमरों की होगी नजर
अधिकारियों ने बताया कि यात्रा मार्ग और सभी संवेदनशील इलाकों में पुलिस व सीआरपीएफ की क्विक एक्शन और क्विक रिएक्शन टीमों को भी तैनात किया जाएगा। मोबाइल व्हिकल चेक पोस्ट भी स्थापित की जाएंगी। सभी शिविरों और यात्रा मार्ग पर 200 सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। इन कैमरों के अलावा 200 सीसीटीवी कैमरे और होंगे। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड से जुडे़ सूत्रों ने बताया कि चंदनबाड़ी और बालटाल से पवित्र गुफा तक और कुछ अन्य खास जगहों पर करीब 400 सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए जाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा ड्रोन से भी यात्रा मार्ग की निगरानी की जाएगी।