युवक की पिटाई को दिया जा रहा सियासी रंग
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : दक्षिण कश्मीर के अचगूजा, पुलवामा के एक युवक की सेना की 44 आरआर के मेजर द्वार
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : दक्षिण कश्मीर के अचगूजा, पुलवामा के एक युवक की सेना की 44 आरआर के मेजर द्वारा कथित पिटाई को सियासी रंग देते हुए पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को राज्यपाल व सेना के कोर कमांडर से आरोपित सैन्य अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
महबूबा ने कहा कि जम्मू कश्मीर मसले का हल मिलिट्री नहीं है। यह पाकिस्तान और अन्य लोगों से बातचीत से ही हल होगा। अचगूजा पुलवामा के रहने वाले 27 वर्षीय युवक तौसीफ अहमद वानी को गंभीर हालत में एसएमएचएस अस्पताल में दाखिल कराया गया है। तौसीफ ने आरोप लगाया है कि उसे शादीमर्ग पुलवामा स्थित सेना की 44 आरआर के शिविर में मेजर शुक्ला ने पूछताछ के लिए गत रोज बुलाया था। वह अपनी निजी कार में एक दोस्त के साथ शिविर में पहुंचा। मेजर शुक्ला ने पहचानपत्र मांगा। उसके बाद सैन्यकर्मियों ने पीटना शुरू कर दिया। तौसीफ ने आरोप लगाया है कि सैन्यकर्मियों ने ने उसके कपड़े फाड़ डाले और उसका एक वीडियो भी बनाया। इसके साथ ही मेजर शुक्ला ने उसे जान से मारने की धमकी देते हुए कहा कि गले में बंदूक डाल, तस्वीर ¨खचवाओ नहीं तो एक मुठभेड़ में मार गिराऊंगा। सेना की हिरासत में है तौसीफ का भाई
इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) से आर्टस में पीजी कर रहे तौसीफ के मुताबिक वह तीन भाई-बहन है। दूसरा भाई सेना में कार्यरत है। सूत्रों की मानें तो तौसीफ का भाई कथित तौर पर सेना की हिरासत में है और वह कथित तौर पर गत जून 2018 में राइफलमैन औरंगजेब के अपहरण व आतंकियों द्वारा उसकी हत्या की साजिश में शामिल बताया जाता है। इस संदर्भ में जब सेना की 44 आरआर के कर्नल नेगी से संपर्क का प्रयास किया गया तो वह उपलब्ध नहीं हो पाए। पुलिस स्टेशन राजपोरा के थाना प्रभारी ने कहा कि उनके पास तौसीफ या उसके परिजनों की तरफ से कोई शिकायत दर्ज नहीं है। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने इस मामले में अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि वह पता करेंगे। महबूबा के अस्पताल पहुंचने पर मामला सियासी रंग पकड़ा
शाम में अंधेरा होते ही महबूबा मुफ्ती के एसएमएचएस अस्पताल में तौसीफ का कुशलक्षेम जानने के लिए पहुंचने के साथ ही यह मामला सियासी रंग भी पकड़ गया। वह करीब डेढ़ से दो मिनट वहां रही। उन्होंने तौसीफ और डॉक्टरों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि यह तो हद हो गई। तौसीफ के पिता को कई साल पहले आतंकियों ने कत्ल कर दिया था। इसका एक भाई फौजी है और वह भी कई माह से लापता है। अगर किसी फौजी के घरवालों के साथ ऐसा सुलूक हो सकता है तो फिर आम कश्मीरी के साथ क्या हो सकता है। महबूबा ने कहा कि तौसीफ ने मुझे बताया कि मेजर शुक्ला ने उसकी पिटाई कर उसे मरने छोड़ दिया है। वह उससे कह रहा था कि गले में बंदूक डालकर फोटो ¨खचाओ नहीं तो वह उसे मुठभेड़ में मार देगा। यह कहां का इंसाफ है। मेजर शुक्ला के बारे में कहा जाता है कि वह बहुत बहादुर है। यह कैसा बहादुर है जो अपने ही बच्चों को, जम्मू कश्मीर के रहने वाले लड़कों के साथ इतनी ज्यादती करता है। मेजर के खिलाफ कार्रवाई की मांग
मेजर शुक्ला के खिलाफ कठोर कार्रवाई पर जोर देते हुए कहा कि मैं उम्मीद करती हूं कि राज्यपाल और कोर कमांडर इसका नोटिस लेंगे। मेजर शुक्ला से पूछताछ होगी। मैं कोर कमांडर से बात करूंगी और मेजर शुक्ला से पूछा जाना चाहिए कि आखिर तौसीफ को पकड़कर आर्मी कैंप में क्यों पीटा गया। महबूबा ने कहा कि जिस तरह से प्रधानमंत्री ने कहा कि हम आतंकियों की कमर तोड़ देंगे, उससे बात नहीं बनेगी। पाकिस्तान और सभी पक्षों से बातचीत कर साजगार माहौल बनाकर ही मसले का हल किया जा सकता है।