कश्मीर के विशेष दर्जे से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं
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राज्य ब्यूरो, जम्मू : जम्मू कश्मीर की क्षेत्रीय पार्टियों ने विशेष दर्जे (35ए) के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ का मिलकर विरोध करने का फैसला लिया। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष व सांसद डॉ. फारूक अब्दुल्ला के आवास पर रविवार देर शाम को हुई सर्वदलीय बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया। बैठक में भाजपा को छोड़ अधिकांश दलों के नेता शामिल हुए।
कश्मीर के वर्तमान हालात पर करीब दो घंटे तक मंथन किया। सभी दलों के नेताओं ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि जम्मू कश्मीर की पहचान, विशेष दर्जे, स्वायत्तता के सरंक्षण के लिए एकजुट हैं। इसके साथ किसी को छेड़छाड़ नहीं करने दी जाएगी। यह भी तय किया कि अनुच्छेद 35-ए और 370 को हटाने या फिर इसमें संशोधन, परिसिमन, राज्य को तीन हिस्सों में बांटने का कोई प्रयास राज्य के लोगों पर हमला होगा। सभी दलों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि राज्य के हालात के बारे में वे आम जनता से जानकारी साझा करें। भारत के संविधान ने उन्हें जो विशेषाधिकार दिए हैं, उनका संरक्षण करें। उन्होंने कहा कि अगर इनके साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ करने का प्रयास किया तो उसके परिणाम सही नहीं होंगे। सभी राजनीतिक दलों ने राज्य की पहचान व विशेष दर्जे के मुद्दे को एकजुट होकर लड़ने पर सहमति जताई। इससे पहले बैठक में गृह विभाग द्वारा जारी आदेश अमरनाथ श्रद्धालुओं व पर्यटकों को घाटी से वापस भेजने, बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात करने के मुद्दे पर चर्चा की। बैठक के बाद डॉ. फारूक ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि राज्य के लोग शांति बनाए रखें और कोई ऐसा कदम न उठाएं जिससे माहौल खराब हो। इसके अलावा भारत और पाकिस्तान से भी अपील करते हैं कि वे तनाव भरे कदम न उठाएं जिससे दोनों देशों के लोग पिसें। ये नेता रहे मौजूद
इसमें डॉ. फारूक अब्दुल्ला के अलावा पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, पीडीपी के पैट्रन मुजफ्फर हुसैन बेग, अब्दुल रहमान वीरी, जम्मू कश्मीर पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन, रमरान रजा अंसारी, अब्दुल गनी वकील, जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपप्रधान ताज मोहिउद्दीन, मार्क्सवदी कम्यूनिस्ट पार्टी के मोहम्मद युसूफ तारीगामी, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, सांसद हसनैन मसूदी, मुहम्मद अकबर लोन, पीपुल्स युनाइटेड फ्रेंट के शाह फैसल, अली मोहम्मद सागर और अन्य कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। पहले होटल में होनी थी बैठक : इससे पहले सर्वदलीय बैठक को लेकर असमंजस बना रहा। पहले यह बैठक एक होटल में होनी थी लेकिन राज्य प्रशासन ने किसी भी होटल में किसी भी प्रकार की राजनीतिक गतिविधि पर रोक लगा दी। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपने निवास स्थान पर बैठक बुलाई। सभी दलों के नेता वहां पर पहुंचे, लेकिन डॉ. फारूक अब्दुल्ला की तबीयत ठीक न होने पर सभी नेता उनके निवास स्थान पर पहुंचे और वहीं पर बैठक हुई।