जम्मू कश्मीर में अलबदर का चीफ कमांडर जीनत साथी सहित ढेर
encounter. अलबदर के चीफ कमाडर जीनत उल इस्लाम उर्फ अलकामा उर्फ डॉ. उस्मान को उसके एक साथी मुठभेड़ में मार गिराया।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। सुरक्षाबलों ने वादी में आतंकी कमांडरों के सफाए के अभियान को जारी रखते हुए शनिवार को अलबदर के चीफ कमाडर जीनत उल इस्लाम उर्फ अलकामा उर्फ डॉ. उस्मान को उसके एक साथी समेत यारीपोरा (कुलगाम) मुठभेड़ में मार गिराया। इस दौरान एक सैन्यकर्मी भी घायल हुआ है। 12 लाख का इनामी जीनत मोस्ट वांटेड आतंकियों में एक था।
बीए पास जीनत ने ही बीते दो सालों के दौरान मोस्ट वांटेड आतंकी रियाज नायकू व अन्य आतंकियों के साथ मिलकर पुलिसकर्मियों के परिजनों को निशाना बनाने की साजिश रची थी। उसने तीन पुलिसकर्मियों को अगवा कर मौत के घाट उतारने की साजिश में मुख्य भूमिका निभाई थी। इसके अलावा वर्ष 2017 में अनंतनाग के पास श्री अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर हमले में भी वह शामिल रहा है। जीनत दर्जनों आतंकी वारदात में वांछित था। उसकी मौत सुरक्षाबलों के लिए बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। जानकारी के अनुसार, दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के यारीपोरा में तीन से चार आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर सेना की 34 आरआर, राज्य पुलिस विशेष अभियान दल (एसओजी) और सीआरपीएफ ने अभियान चलाया। सुरक्षाबलों को अपने तंत्र से पता चला था कि कश्मीर में अलबदर का नेटवर्क तैयार करने में जुटा जीनत अपने किसी संपर्क सूत्र के पास रुका हुआ है। शाम करीब साढ़े पाच बजे जब जवानों ने कटपोरा मोहल्ले की तलाशी शुरू की तो वहा एक मकान में छिपे आतंकियों ने घेराबंदी तोड़ भागने का प्रयास किया।
इसके बाद वहां मुठभेड़ शुरू हो गई। इस दौरान सैन्याधिकारियों ने घेराबंदी में फंसे जीनत व उसके साथियों को आत्मसमर्पण करने के लिए भी कहा, लेकिन वह नहीं माने। सुरक्षाबलों ने सरेंडर करवाने के लिए आतंकियों के परिवार से भी संपर्क किया गया, लेकिन वह ऐसा करने के लिए तैयार नहीं हुए। दो आतंकियों के मारे जाने के साथ ही मुठभेड़ समाप्त हो गई। दो अन्य आतंकियों के वहीं कहीं छिपे होने की आशका पर सुरक्षाबलों ने देर रात तक घेराबंदी को जारी रखा। मारा गया आतंकी जीनत उल इस्लाम व शकील अहमद डार उर्फ फैसल दोनों चिलीपोरा (शोपिया) के रहने वाले थे।
हिंसक भीड़ ने किया पथराव
मुठभेड़ में जीनत की मौत की खबर फैलते ही कटपोरा, यारीपोरा समेत कुलगाम व शोपिया के विभिन्न हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए। आतंकी समर्थक भीड़ ने मुठभेड़स्थल पर जमा सुरक्षाबलों पर पथराव भी किया। हालात पर काबू पाने के लिए सुरक्षाबलों को भी बल प्रयोग करना पड़ा। सूत्रों के अनुसार, तीन लोग जख्मी हुए हैं। प्रशासन ने इलाके में अफवाहों पर काबू पाने और कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए अगले आदेश तक मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया है। सभी संवेदनशील इलाकों में निषेधाज्ञा भी लागू कर दी गई है।
अब ये बचे हैं प्रमुख कमांडर
अंसार उल गजवा-ए-हिंद का कमाडर जाकिर मूसा, हिजबुल का डिवीजनल कमाडर रियाज नायकू, इम्तियाज अहमद काडू, जुनैद खान, लश्कर कमाडर सैफुल्ला, पाकिस्तानी अबु जारगाम, जैश कमाडर गाजी अब्दुल रशीद, कासिम, अतहर, जिया उर रहमान, छोटा अजहर, सुल्तान व बंबार खान।