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तीन इंजीनियरों सहित सात के खिलाफ आरोप पत्र दायर

राज्य ब्यूरो श्रीनगर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने वीरवार को भ्रष्टाचार निरोधक अदालत बारामुला में सिचाई एवं बाढ़ नियंत्रण डिवीजन हंदवाड़ा के तत्कालीन एग्जीक्यूटिव इंजीनियर असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर जूनियर इंजीनियर समेत सात लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 09:17 AM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 09:17 AM (IST)
तीन इंजीनियरों सहित सात के खिलाफ आरोप पत्र दायर
तीन इंजीनियरों सहित सात के खिलाफ आरोप पत्र दायर

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने वीरवार को भ्रष्टाचार निरोधक अदालत बारामुला में सिचाई एवं बाढ़ नियंत्रण डिवीजन हंदवाड़ा के तत्कालीन एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, जूनियर इंजीनियर समेत सात लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर दिया है। एसीबी के प्रवक्ता ने बताया कि सिचाई एवं बाढ़ नियंत्रण डिीवजन हंदवाड़ा के तत्कालीन एग्जीक्यूटिव इंजीनियर मुहम्मद सरवर डार, सिचाई एवं बाढ़ नियंत्रण डिवीजन हंदवाड़ा के तत्कालीन असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर खजिर मुहम्मद खांडे, सिचाई एवं बाढ़ नियंत्रण डिवीजन हंदवाड़ा के तत्कालीन जूनियर इंजीनियर गुलाम मोहिद्दीन पीर, सिचाई एवं बाढ़ नियंत्रण डिवीजन हंदवाड़ा के तत्कालीन हेड ड्राफ्टसमैन, सिचाई एवं बाढ़ नियंत्रण डिवीजन हंदवाड़ा के तत्कालीन ड्रॉफ्टसमैन अख्तर मोहिउददीन बाबा व इरफान अहमद बट और ठेकेदार नजीर अहमद के खिलाफ छानबीन के बाद ही बारामुला स्थित भ्रष्टचार निरोधक अदालत में आरोपपत्र दायर किया है। भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 2006 की विभिन्न धाराओं के मामलों में वर्ष 2014 के दौरान सतर्कता संगठन कश्मीर के पुलिस स्टेशन में एफआइआर: 20 दर्ज की गई थी। सतर्कता संगठन भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो बन चुका है। प्रवक्ता ने बताया कि घोटाले के सुबूत मिलने पर इन सभी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इन लोगों ने वर्ष 2008-09 और 2009-10 के दौरान सिचाई एवं बाढ़ नियंत्रण डिवीजन हंदवाड़ा के अतर्गत विभिन्न कार्याें में बड़े पैमाने पर सरकारी पैसे को खुर्द-बुर्द करते हुए सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया है। जांच के दौरान पता चला कि इन लोगों ने धर्मवारी इलाके में एक स्टोरेज टैंक का ठेका नजीर अहमद मीर को 18.265 लाख रुपये में आबंटित किया। बाद में इस काम को विस्तार दिया गया। लागत राशि 19.949 लाख पहुंचा दी गई। जांच के दौरान स्टोरेज टैंक के आकार को खातों में दर्ज आकार से कम पाया गया। टैंक 55 मीटर कम था। जो अर्थवर्क था, वह कागजो में दिखाए गए काम से कहीं कम निकला। अर्थवर्क 14091 घन मीटर होना था, लेकिन यह सिर्फ 5926 घनमीटर ही पाया गया। इस पूरे मामले में 1155906 रुपये को सरकारी खजाने को चूना लगाया गया। सभी आरोपितों के खिलाफ आवश्यक दस्तावेज जुटाने के बाद आरोपपत्र दायर किया गया है।

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