जम्मू कश्मीर में 51 क्षेत्र रेड जोन घोषित
जम्मू कश्मीर में कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसके साथ ही रेड जोन में शामिल गांवों व मोहल्लों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। इस समय पूरे राज्य में 51 क्षेत्रों को रेड जोन में अधिसूचित किया जा चुका है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसके साथ ही रेड जोन में शामिल गांवों व मोहल्लों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। इस समय पूरे राज्य में 51 क्षेत्रों को रेड जोन में अधिसूचित किया जा चुका है। इनमें से 32 कश्मीर जबकि 19 जम्मू संभाग में हैं।
प्रशासन इन सभी क्षेत्रों में घर-घर जाकर लोगों की जांच कर कोरोना के संदिग्ध मरीजों का पता लगाएगा। अधिकारियों के मुताबिक, 14 अप्रैल को लॉकडाउन समाप्त होने के बाद भी रेड और बफर जोन में शामिल इलाकों में हालात सामान्य होने तक निषेधाज्ञा जारी रखने पर विचार किया जा रहा है। रेड जोन में उन इलाकों को शामिल किया जाता है, जहां कोविड-19 पॉजिटिव के एक से ज्यादा मामलों की पुष्टि होने के साथ ही संदिग्ध मरीजों की संख्या भी ज्यादा होती है। कश्मीर घाटी में 32 क्षेत्रों को रेड जोन में शामिल किया गया
राज्य प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रेड जोन अधिसूचित किए गए सभी क्षेत्रों को स्वास्थ्य और राज्य प्रशासन की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है कश्मीर घाटी में 32 क्षेत्रों को रेड जोन में शामिल किया गया है। इनमें से 10 सिर्फ श्रीनगर जिले में हैं। श्रीनगर के लालबाजार, छत्ताबल, खय्याम, शाल्टेंग, नटीपोरा, जवाहर नगर, राजबाग, ईदगाह और रैनावारी को रेड जोन में शामिल किया गया है। इनसे सटे कुछ इलाकों को बफर जोन में रखा गया है। बांडीपोर, बारामुला, कुपवाड़ा, पुलवामा, शोपियां व बडगाम में 22 गांवों को रेड जोन में रखा गया है। इनमें बांडीपोर के दो गांव गुंड जहांगीर व नाइदखेई भी शामिल किए गए हैं। अब बांडीपोर के कुल आठ गांव रेड जोन में हैं। जम्मू संभाग के 19 गांव व मोहल्ले रेड जोन में शामिल
जम्मू संभाग में राजौरी, ऊधमपुर, सांबा व जम्मू शहर में 19 गांवों व मोहल्लों को रेड जोन में अधिसूचित किया गया है। इन इलाकों की रिमोट सेंसिग विभाग के अधिकारियों की मदद से जियो टैगिग की जा रही है। मंडलायुक्त कश्मीर पांडु़रंग के पोले ने बताया कि रेड जोन क्षेत्रों में लॉकडाउन को सख्ती से लागू किया जा रहा है। डॉक्टरों व पैरामेडकिल कर्मियों के दल रेड जोन घोषित क्षेत्रों में संदिग्ध मरीजों का पता लगा रहे हैं। नगर समितियों और परिषदों के कर्मी भी इन इलाकों को पूरी तरह सैनिटाइज कर रहे हैं। वन विभाग के अधिकारियों की भी सेवाएं ली जा रही हैं। ज्योग्राफिक इनफॉरमेशन सिस्टम के जरिए रेड जोन को चिन्हित करने में वह अपनी सेवाएं दे रहे हैं। हमने प्रांतीय स्तर पर एक नियंत्रण कक्ष भी बनाया है, जो 24 घंटे रेड जोन क्षेत्रों की निगरानी कर रहा है। कोरोना पॉजिटिव मरीज के घर की स्थिति को जियो टैग किया जा रहा
रेड जोन के आसपास के क्षेत्रों जहां कोरोना वायरस के संक्रमण का ज्यादा खतरा है, उन्हें हॉट स्पाट और बफर जोन घोषित किया गया है। रिमोट सेंसिग विभाग के अधिकारियों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग से कोरोना पॉजिटिव मरीज के बारे में डाटा प्राप्त करने के बाद उसके घर की स्थिति को जियो टैग किया जाता है। इसमें हम केंद्र बिदु चिन्हित करते हुए उसके तीन किलोमीटर के दायरे में आने वाले क्षेत्र को रेड जोन में शामिल कर उसकी सीमाओं को तय कर देते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में केंद्र बिदु से सात किलोमीटर के दायरे में आने वाले इलाकों को बफर जोन माना जाता है, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह पांच किलोमीटर का दायरा होता है।