कश्मीर में घुसे जैश के 20 आतंकी, हमले की आशंका
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : 28 जून से शुरू हो रही वार्षिक अमरनाथ यात्रा में खलल डालने के लिए आतंकी सं
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : 28 जून से शुरू हो रही वार्षिक अमरनाथ यात्रा में खलल डालने के लिए आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने आत्मघाती दस्तों को सक्रिय कर दिया है। उसने 20 नए आतंकियों को एक सप्ताह के दौरान सीमा पार से घुसपैठ करवाकर कश्मीर में धकेला है। इन आतंकियों को हिज्ब और लश्कर के स्थानीय व पहले से सक्रिय विदेशी आतंकियों ने अपने ओवरग्राउंड वर्कर नेटवर्क के जरिए हमले के लिए आवश्यक साजो सामान उपलब्ध कराया है।
सूत्रों ने बताया कि यात्रा को निशाना बनाने के लिए घुसे 20 आतंकियों में से तीन जिला कुलगाम में, चार अनंतनाग में, सात श्रीनगर में और छह पुलवामा में संबंधित ठिकानों अथवा सेफ हाउस में पहुंच गए हैं। सभी अपने साथ अत्याधुनिक हथियारों की बड़ी खेप के साथ आए हैं। सूत्रों के मुताबिक, कुलगाम और अनंतनाग में आतंकी यात्रा शुरू होने से पहले सुरक्षाबलों के किसी बड़े शिविर पर हमला कर सकते हैं। पुलवामा में पहुंचे जैश के सात आतंकी दो-तीन के अलग-अलग गुटों में बंटकर श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर पांपोर-अवंतीपोर-बिजबिहाड़ा के इलाके में श्रद्धालुओं और सुरक्षाबलों को निशाना बना सकते हैं। इस बार खतरा पहले से ज्यादा :
राज्य पुलिस, सेना या अर्धसैनिकबलों के वरिष्ठ अधिकारी बोलने से कतरा रहे हैं, लेकिन यात्रा की तैयारियों में जुटे अधिकारियों की मानें तो आतंकी खतरा लगातार बना हुआ है। उनके मुताबिक, बीते साल जुलाई में आतंकियों ने दो बार श्री अमरनाथ की वाíषक तीर्थयात्रा को टारगेट किया था। पहली बार ग्रेनेड से हमला हुआ था और दूसरी बार आतंकियों ने यात्री बस पर अंधाधुंध गोलियां बरसाई थी। इस हमले में गुजरात के आठ श्रद्धालु मारे गए थे। उन्होंने बताया कि इस बार आतंकी खतरा पहले से ज्यादा महसूस किया जा रहा है, क्योंकि पाकिस्तान में निकट भविष्य में चुनाव भी होने जा रहे हैं और दूसरा कश्मीर में बीते एक साल के दौरान कई नामी आतंकी मारे गए हैं। इससे सरहद पार बैठे आतंकी सरगना किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं। अमरनाथ यात्रा पर हमले का मतलब पूरे देश में तनाव और खलबली है। आतंकियों व उनके सरगनाओं का भी यही मकसद है। ईद के दौरान भी हो सकता है हमला :
सूत्रों की मानें तो जैश द्वारा अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने के लिए भेजे गए 20 में से छह आत्मघातियों का श्रीनगर या उसके आस-पास किसी जगह होना सबसे ज्यादा गंभीर बात है। यह आतंकी पंथाचौक-हैदरपोरा-बेमिना बाईपास के अलावा जकूरा, पंथाचौक और श्रीनगर शहर के भीतर भी अपने स्थानीय नेटवर्क के सहारे बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं। सुरक्षाधिकारी के अनुसार, जरूरी नहीं कि यह आतंकी सिर्फ यात्रा के दौरान ही हमला करें, यह उससे पहले भी ईद के दौरान भी माहौल बिगाड़ने के लिए रमजान युद्धविराम का फायदा लेकर हमला कर सकते हैं। इसलिए पूरी चौकसी बरती जा रही है।