सोशल मीडिया के दुष्प्रचार में फंस राह भटक रहे युवा
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : सेना कश्मीर में आतंकियों के नेटवर्क को बड़े पैमाने पर नष्ट करने में
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : सेना कश्मीर में आतंकियों के नेटवर्क को बड़े पैमाने पर नष्ट करने में सफल रही है और आतंकी संगठनों के बड़े कमांडर ढेर हुए हैं। ऐसे में आतंकी संगठनों ने अपना वर्चस्व बचाने को दुष्प्रचार को हथियार बना लिया है ताकि युवाओं को ¨हसा की राह पर धकेला जा सके। इसका दुष्परिणाम दिख भी रहा है और वर्ष 2018 में 191 स्थानीय युवा आतंकी संगठनों से जुड़ गए। सेना के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है।
सीमा पर चौकसी बढ़ने के कारण विदेशी घुसपैठियों की घुसपैठ आसान नहीं रही, ऐसे में असामाजिक तत्वों ने स्थानीय युवाओं के बीच दुष्प्रचार तेज कर दिया है। जुलाई 2016 में आतंकी बुरहान वानी के सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में मारे जाने के बाद स्थानीय युवाओं के ¨हसा में शामिल होने का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। वर्ष 2017 में 126 स्थानीय युवक आतंकी बने थे जबकि वर्ष 2016 में यह आंकड़ा मात्र 88 का था।
आतंकरोधी अभियानों में हिस्सा ले रहे एक वरिष्ठ सैन्याधिकारी की मानें तो वर्ष 2018 में 191 स्थानीय युवक आतंकी बने हैं। इनमें से 139 युवक दक्षिण कश्मीर में पुलवामा, शोपियां, कुलगाम और अनंतनाग जिलों से ही संबंध रखते हैं। अधिकतर हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हैं। पुलवामा जिले से सबसे ज्यादा 59 युवक आतंकी गतिविधियों से जुड़ गए।
वर्ष 2010 में मात्र 54 युवक आतंकी बने थे। 2011 में यह संख्या घटकर 23 तक पहुंची और वर्ष 2012 में 21 और 2013 में 16 स्थानीय युवक आतंकी संगठनों का हिस्सा बने।
उन्होंने बताया कि विभिन्न खुफिया एजेंसियों द्वारा जमा सूचनाओं, पकड़े गए आतंकियों से पूछताछ और तकनीकी सर्वेलांस के आधार पर जुटाई जानकारी के आकलन के आधार पर कहा जा रहा है कि वर्ष 2018 में पूरे कश्मीर में 191 युवकों को आतंकी संगठन बरगलाने में सफल रहे। सोशल मीडिया का दुष्प्रचार अहम कारण
स्थानीय युवकों के आतंकी संगठनों के साथ जुड़ने की घटनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसमें सोशल मीडिया पर शरारती तत्वों द्वारा जारी दुष्प्रचार और कश्मीर में सक्रिय आतंकियों के ओवरग्राउंड वर्करों की के दुष्प्रचार के कारण युवा राह से भटक जाते हैं।
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2018 में मारे गए 257 आतंकी
राज्य पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने गत दिसंबर 2018 के अंत में बताया था कि राज्य में आतंकियों के खात्मे के लिए चलाए गए आप्रेशन ऑलआउट में वर्ष 2018 के दौरान 257 आतंकी मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि यह अभियान आखिरी आतंकी के मारे जाने तक जारी रहेगा।