Jammu Kashmir: 125 आतंकी घुसपैठ की फिराक में, भारतीय सेना जवाब देने को तैयार
terrorist. गुलाम कश्मीर की नीलम और लीपा घाटी में स्थित लांचिंग पैड पर 125 आतंकी घुसपैठ की फिराक में बैठे हैं। वहीं भारतीय सेना भी इन आतंकियों को सबक सिखाने को तैयार है।
श्रीनगर, नवीन नवाज। terrorists. उत्तरी कश्मीर में एलओसी पर गत एक सप्ताह से पाकिस्तान की बंदूकें शांत हैं, लेकिन गुलाम कश्मीर के अग्रिम इलाकों में पाकिस्तानी सेना की गतिविधियां बता रही हैं कि यह सिर्फ दिखावे की खामोशी है। यह खामोशी किसी भी समय स्वचालित हथियारों से लैस आतंकियों की घुसपैठ से भंग हो सकती है। दरअसल, गुलाम कश्मीर की नीलम और लीपा घाटी में स्थित लांचिंग पैड पर 125 आतंकी घुसपैठ की फिराक में बैठे हैं। इन आतंकियों को पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने मई के अंत तक अलग-अलग समूहों में जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कराने की साजिश रची है। इस साजिश को तोड़ने के लिए भारतीय सैन्य कमांडरों ने एक चक्रव्यूह बनाया है। अगर आतंकी घुसपैठ के लिए कदम बढ़ाते हैं तो उन्हें वहीं ढेर कर दिया जाएगा।
खुफिया सूत्रों ने बताया कि अब मौसम बदल चुका है। उत्तरी कश्मीर में एलओसी पर स्थित पहाड़ों पर बर्फ पिघलने लगी है। गुलाम कश्मीर को जम्मू कश्मीर से जोड़ने वाले कई दर्रे भी खुल जाएंगे। इसलिए आने वाले दिनों में घुसपैठ की घटनाएं तेज होंगी। पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी ने गुलाम कश्मीर में बैठे आतंकी कमांडरों के साथ मिलकर जम्मू कश्मीर में अगले डेढ़ माह के दौरान करीब 125 आतंकियों को घुसपैठ कराने की साजिश रची है। यह घुसपैठ कुपवाड़ा और बांडीपोरा जिले के अग्रिम इलाकों से हो सकती है।
इस साजिश में आइएसआइ का हाथ
सूत्रों ने बताया कि गुलाम कश्मीर में दुदनियाल, शारदी और थाजियां स्थित लांचिग पैड पर हिजबुल मुजाहिदीन व लश्कर के 57 आतंकी मौजूद हैं। यह आतंकी कुपवाड़ा जिले में राजवार व लोलाब घाटी के रास्ते कश्मीर घाटी के विभिन्न हिस्सों में घुसने की फिराक में हैं। नीलम घाटी के जोड़ा और अथमुकाम में लश्कर के 30 आतंकी लांचिग पैड पर मौजूद हैं। लीपा घाटी में ही हिजबुल और लश्कर के 19 आतंकी बीते एक पखवाड़े के दौरान आए हैं। इन आतंकियों को गुरेज के रास्ते घुसपैठ कराने की साजिश रची गई है। आइएसआइ गुलाम कश्मीर के चननिया और लीपा में करीब तीन दर्जन आतंकियों को हंदवाड़ा में बोंगुस घाटी के रास्ते जम्मू कश्मीर में धकेलना चाहती है।
इस साल 1225 बार संघर्ष विराम उल्लंघन
पाकिस्तानी सेना और आइएसआइ कोरोना वायरस की आड़ में मौके की फिराक में है। उसकी साजिश है कि कम समय में अधिक से अधिक आतंकियों को भारतीय क्षेत्र में धकेला जा सके। सूत्रों का कहना है कि इसीलिए आने वाले समय में संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं में बढ़ोतरी हो सकती है। इस साल अप्रैल माह के पहले पखवाड़े तक पाकिस्तानी सेना एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर करीब 1225 बार जंगबंदी तोड़ चुकी है।
हर साजिश में मात खाई है पाक ने
सैन्य कमांडरों ने पाकिस्तान और आइएसआइ की मंशा को भांपते हुए घुसपैठियों को सरहद पर ही मार गिराने के लिए प्रभावी चक्रव्यूह तैयार किया है। सेना प्रो-एक्टिव एप्रोच के साथ काम कर रही है। दुदनियाल, अथमुकाम, थाजियां, शारदी में आतंकी ठिकानों और पाकिस्तानी सेना के प्रतिष्ठानों को बीते दिनों भारतीय सेना ने भारी नुकसान पहुंचाया है। यही कारण है कि बीते दो माह में घुसपैठ की कोई बड़ी कोशिश कामयाब नहीं हुई है। केरन में पांच आतंकी दाखिल हुए थे, उन्हें मार गिराया गया था।