मेडिकल कालेज में नहीं हो रहे एक्सरे, लोग परेशान
जिला अस्पताल राजौरी को मेडिकल कॉलेज तो बना दिया पर सुविधाएं जिला अस्पताल से भी कम हो गई।
जागरण संवाददाता, राजौरी : जिला अस्पताल राजौरी को मेडिकल कॉलेज तो बना दिया, पर सुविधाएं जिला अस्पताल से भी कम हो गई। जिस कारण से मरीजों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मेडिकल कॉलेज में पिछले दो माह से मरीजों को एक्सरे ही नहीं हो रहे हैं क्योंकि एक्सरे के उपयोग में आने वाली फिल्म खत्म है और स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक मेडिकल कॉलेज में एक्सरे फिल्म नहीं भेजी है, जिस कारण से मरीजों को एक्सरे के लिए निजी क्लीनिकों का रुख करना पड़ रहा है।
अशोक कुमार, मुहम्मद जावेद, सोम राज, सुभाष चंद्र आदि ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में एक्सरे नहीं होने के कारण लोगों कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टर जिन मरीजों को एक्सरे लिख रहे हैं, उन्हें मेडिकल कॉलेज से बाहर जाकर निजी क्लीनिक से एक्सरे करवाना पड़ता है तो उसके बाद फिर से मेडिकल कॉलेज में आकर डॉक्टर को एक्सरे की जांच करवाकर दवा लिखवानी पड़ रही है। वहीं मेडिकल कॉलेज के अंदर डिजिटल एक्सरे प्लांट लगा हुआ है, लेकिन फिल्म न होने के कारण पिछले दो माह से लोगों एक्सरे के लिए दर-दर भटक रहे हैं। स्थानीय लोगों व मेडिकल कॉलेज में उपचार के लिए आने वाले लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ साथ मेडिकल कॉलेज प्रशासन को चाहिए कि वह जल्द से जल्द एक्सरे फिल्म मंगवाए ताकि मरीजों के एक्सरे मेडिकल कॉलेज में ही हो सके और मरीजों की परेशानी दूर हो सके।
----------- कोरोना के चलते हमारे पास सप्लाई नहीं पहुंच पाई है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि जल्द ही सप्लाई हमारे पास पहुंच जाएगी जिसके बाद आम लोगों की समस्या दूर हो जाएगी।
- डॉ. सुनील शर्मा, सीएमओ, राजौरी
---- बाहर से करवाना पड़ रहा एक्सरे मेडिकल कॉलेज के अंदर एक्सरे नहीं होने से मरीजों को मजबूरन बाहर जाकर निजी क्लीनिकों से अपने एक्सरे करवाने पड़ रहे हैं। इसके लिए मरीजों को पैसे भी अधिक खर्च करने पड़ रहे है। मेडिकल कॉलेज के अंदर जो एक्सरे 120 रुपए का होता है, वहीं एक्सरे बाहर से 500 रुपए में हो रहा है, जिससे यह बात तय है कि यह सब निजी क्लीनिक वालों को लाभ देने के लिए ही किया जा रहा है।
------ कई बार लगा चुके हैं गुहार स्थानीय लोग और मरीज एक्सरे को दुबारा शुरू करने की मांग को लेकर एक बार नहीं कई बार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के आगे गुहार लगा चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद इस समस्या को दूर करने के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है, जिस कारण से मेडिकल कॉलेज में आने वाले लोगों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।