सीता हरण कर रावण पहुंचा लंका
नवरात्र के सातवें दिन श्री महाकालेश्वर रामलीला क्लब कालाकोट द्वारा मंचित की गई रामलीला में सीता हरण जटायु वध और सीता के लिए राम का व्याकुल होना जैसे कई दृश्य देख लोग भावुक हो गए।
संवाद सहयोगी, कालाकोट : नवरात्र के सातवें दिन श्री महाकालेश्वर रामलीला क्लब कालाकोट द्वारा मंचित की गई रामलीला में सीता हरण, जटायु वध और सीता के लिए राम का व्याकुल होना जैसे कई दृश्य देख लोग भावुक हो गए।
पंचवटी में मारीच को हिरण का वेश बनाकर रावण षडयंत्र रचकर उसे भेजता है तभी हिरण को देख माता सीता मोहित हो जाती हैं और प्रभु राम को उस हिरण को पकड़ने के लिए कहती है। इस बीच माता सीता द्वारा बार-बार जिद करने पर प्रभु राम लक्ष्मण को सावधान करके हिरण को पकड़ने के लिए जाते हैं, लेकिन तभी रावण भाई लक्ष्मण बचाओ की आवाज लगाकर सहायता के लिए बुलाता है और माता सीता यह समझ बैठती है कि राम किसी मुसीबत में है और माता सीता लक्ष्मण को भाई की मदद के लिए कहती है कि भाई की सहायता को शीघ्र जाएं।
वहीं सीता द्वारा बार-बार कहने पर लक्ष्मण कुटिया के बाहर एक रेखा खींच कर सीता को कहते हैं कि माता इस रेखा के अंदर तुम सुरक्षित हो, इसका उल्लंघन कर बाहर मत आना जब तक मैं भैया राम को लेकर ना आऊं, आप इसके भीतर ही रहना। लक्ष्मण के जाने पर रावण साधु का वेश बनाकर पंचवटी में आ जाता है और भिक्षा के लिए माता सीता को लक्ष्मण द्वारा खींची गई रेखा से बाहर आने के लिए कहता है। जब माता सीता लक्ष्मण द्वारा खींची गई रेखा का उल्लंघन कर बाहर आती है तो रावण असली रूप में आ जाता है और फिर माता सीता का हरण कर उसे लंका ले जाने लगता है। इसी बीच पक्षी राज जटायु रावण को सावधान करते हैं और रावण के साथ युद्ध में पक्षीराज जटायु के पंख कट जाता है। उसके बाद जटायु का घायल अवस्था में राम को मिलते है, यह दृश्य भी काफी सराहनीय रहा।