साध्वी दीक्षा भारती ने अपने प्रवचनों से संगत का किया निहाल
संवाद सहयोगी, नौशहरा : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा रविवार को सत्संग आश्रम नौनिहाल में मासिक स
संवाद सहयोगी, नौशहरा : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा रविवार को सत्संग आश्रम नौनिहाल में मासिक सत्संग, भंडारा एवं योग शिविर रखा गया। इसमें आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी दीक्षा भारती द्वारा अपने प्रवचनों से आई संगत को निहाल किया गया।
साध्वी दीक्षा भारती ने कहा कि शास्त्रों में दो मार्गो का वर्णन किया गया है। प्रेय और श्रेय मार्ग। प्रेय मार्ग संसार की विषय वासना का मार्ग है। दूसरी तरफ श्रेय मार्ग ईश्वर प्राप्ति का मार्ग है। जीवन के परम लक्ष्य को प्राप्त करने का मार्ग है। श्रेय मार्ग इंसान के जीवन को श्रेष्ठता, सफलता एवं सार्थकता प्रदान करता है। भक्ति मार्ग ही श्रेय मार्ग है। श्रेय मार्ग का आरंभ अंतकरण में प्रभु दर्शन से होता है। विद्वानों ने कहा है कि यदि रास्ता सुगम है, फूलों से भरा है, लेकिन हमें मंजिल पर नहीं पहुंचाता तो उस पर कदम बढ़ाना समझदारी नहीं है। दूसरी तरफ रास्ता चाहे कठिनाइयों से भरा हो, परंतु हमारी मंजिल से जोड़ दे, उस रास्ते पर चलना ही बुद्धिमानी है। श्रेय मार्ग कठिनाइयों से भरा है, परंतु मंजिल तक पहुंचाता है। प्रत्येक मानव को क्षेय मार्ग का चुनाव करना चाहिए। इस मौके पर आई संगत से योग भी करवाया गया। यहां सत्संग एवं योग के बाद भंडारा रखा गया जहां सैकडों की संख्या में लोगों ने भाग लिया।