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कोल माइन के मजदूरों ने उठाई स्थायी करने की मांग

संवाद सहयोगी कालाकोट भाजपा मंडल प्रधान मोगला विजय कुमार ने अपनी टीम के साथ कोल माइन मोगल

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 07:13 AM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 07:13 AM (IST)
कोल माइन के मजदूरों ने उठाई स्थायी करने की मांग
कोल माइन के मजदूरों ने उठाई स्थायी करने की मांग

संवाद सहयोगी, कालाकोट : भाजपा मंडल प्रधान मोगला विजय कुमार ने अपनी टीम के साथ कोल माइन मोगला का दौरा कर मजदूरों की समस्याएं सुनीं। उनके इस दौरे के दौरान मजदूरों ने भी स्थायी करने तथा वेतन बढ़ोतरी जैसी कई मांगें उनके समक्ष रखी।

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मजदूरों ने भाजपा मंडल प्रधान विजय कुमार को बताया कि पिछले 25 साल से हम मजदूर कोल माइन से कोयला निकासी का कार्य कर रहे हैं, लेकिन आज भी हमें कैजुअल मजदूर के तौर पर कार्य करना पड़ रहा है। हमें स्थायी नहीं किया जा रहा और न ही हम मजदूरों की दिहाड़ी बढ़ाई जा रही है। मजदूरों ने भाजपा मंडल प्रधान को यह भी बताया कि महंगाई के इस दौर में ढाई सौ से तीन सौ रुपये प्रतिदिन दिहाड़ी के हिसाब से वेतन दिया जा रहा है। भाजपा मंडल प्रधान विजय कुमार ने कहा कि आप मजदूरों के साथ जो ज्यादती की जा रही है और जो भी समस्याएं मांगें आप द्वारा बताई गई है, उन्हें लेकर कोल माइन प्रबंधन तथा एलजी से मिलकर आपकी मांगों को उनके समक्ष रखा जाएगा। साथ ही कोल उद्योग को बढ़ावा देने जैसे मुद्दे पर भी बात होगी, ताकि कोयला उत्पादन को बढ़ावा मिल सके और कई बेरोजगारों को रोजगार के अवसर प्रदान हों। उन्होंने कहा कि कोल माइन में ओवरमैन माइनिग सरदार जैसे जो पद रिक्त पड़े हैं, उन्हें भी भरने पर चर्चा की जाएगी। इस दौरे में उनके साथ भाजपा मंडल वाइस प्रेसिडेंट बलकार सिंह व विक्रम सिंह आदि भी मौजूद रहे। मनरेगा कार्यो में लगी सामग्री का कराएं भुगतान

संवाद सहयोगी, सुंदरबनी : उप जिला सुंदरबनी के तहत आने वाली विभिन्न पंचायतों में बीते कई वर्ष पहले मनरेगा योजना के आधार पर किए गए विकास कार्यो में निर्माण सामग्री के आधार पर खर्च किए गए धन का भुगतान नहीं होने से लोगों में रोष व्याप्त है। विकास कार्यो की निर्माण सामग्री पर खर्च किए गए धन का भुगतान करने की मांग उठाई है।

अंकुश शर्मा, अशोक कुमार, मोहनलाल आदि ने बताया कि वर्ष 2016 -17 से पहले मनरेगा योजना के आधार पर ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जो भी निर्माण कार्य एवं विकास कार्य किए गए थे, उनमें दिहाड़ी लगाने वाले श्रमिकों को तो भुगतान कर दिया गया है, लेकिन उसमें लगने वाली निर्माण सामग्री जैसे सीमेट, पत्थर, बजरी आदि का भुगतान बीते कई वर्ष बीत जाने के बावजूद अभी तक नहीं किया गया है। उन्होंने कहा है कि इसके लिए पहले भी कई बार आवाज उठाई गई है, लेकिन भुगतान नहीं होने से इन विकास कार्यो की सारी देनदारी उन लोगों पर आ गई है जो विकास कार्य करवा रहे थे। उन्होंने बताया कि इन लोगों द्वारा निजी दुकानों से सामान लेकर विकास कार्य करवाए गए, लेकिन विभाग द्वारा आज तक उनको भुगतान नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि इस योजना के आधार पर लोगों को मैटेरियल का भुगतान करने की मांग की है।


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