रागी जत्थों ने शबद कीर्तन कर संगत को किया निहाल
जागरण संवाददाता राजौरी गुरु गोबिद सिंह के प्रकाश उत्सव के उपलक्ष्य में गुरुद्वारा छठी पातश
जागरण संवाददाता, राजौरी : गुरु गोबिद सिंह के प्रकाश उत्सव के उपलक्ष्य में गुरुद्वारा छठी पातशाही राजौरी में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर काफी संख्या में संगत ने भाग लिया और गुरु का लंगर भी ग्रहण किया।
रविवार को सुबह गुरुद्वारा साहिब में चल रहे अखंड पाठ का भोग डाला गया। इसके बाद अरदास का आयोजन किया गया और फिर अन्य राज्यों से आए रागी जत्थे के सदस्यों ने शबद कीर्तन कर गुरु के जीवन पर प्रकाश डाला और संगत को गुरु द्वारा बताए गए मार्ग पर चलने का आह्वान किया।
इस अवसर पर सरदार निर्माण सिंह ने कहा कि गुरु गोबिद सिंह का जन्म 1666 को पटना में हुआ था। उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की थी, जिसे सिख धर्म में प्रमुख माना जाता है। गुरु गोबिद सिंह के बचपन का नाम गोबिंद राय था। गुरु जी ने हम लोगों को जो शिक्षा दी है, हमें उसी पर चलना होगा, तभी जाकर हम लोग जीवन में सफल हो सकते हैं।
इस अवसर पर संगत में प्रसाद वितरित किया गया। इसके बाद संगत के लिए गुरु का लंगर खोल दिया गया, जिसमें काफी संख्या में संगत ने गुरु के लंगर का प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर कोरोना एसओपी का भी पूरी तरह से पालन किया गया।
नौशहरा में भी हर्षोल्लास के साथ श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रकाश उत्सव मनाया गया। गुरुद्वारा छठी पातशाही नौशहरा को फूलों से सजाया गया। गुरुद्वारा में सुबह से संगत का आना लगा रहा और गुरुद्वारा में शबद कीर्तन चलता रहा। भारी संख्या में संगत गुरुद्वारे में पहुंची और माथा टेक कर गुरु का आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस मौके पर रागी जत्थे भाई गुरविदर सिंह गोल्डन टेंपल अमृतसर, प्रचारक सरदार मनमोहन सिंह पुंछ वाले ने गुरु की वाणी से संगत को जोड़ा। इस मौके पर गुरुद्वारे में लंगर भी लगाया गया। वहीं, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी नौशहरा द्वारा गुरुद्वारे में पहुंचे संगत के लिए हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध करवाई गई। इस अवसर पर जिला गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार भूपेंद्र सिंह टाइगर, छठी पातशाही नौशहरा के प्रधान सरदार सतविदर सिंह अरोड़ा, डा. अमनदीप सिंह, प्रिसिपल सरदार रविद्र सिंह ने संगत का धन्यवाद प्रकट किया।