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सुंदरबनी से राजौरी तक धधक रहे जंगल, वन संपदा को नुकसान

जागरण संवाददाता राजौरी जिले के जंगल आग में धधक रहे हैं। आग लगने का कारण कोई अध्ि

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 06:29 AM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 06:29 AM (IST)
सुंदरबनी से राजौरी तक धधक रहे जंगल, वन संपदा को नुकसान
सुंदरबनी से राजौरी तक धधक रहे जंगल, वन संपदा को नुकसान

जागरण संवाददाता, राजौरी : जिले के जंगल आग में धधक रहे हैं। आग लगने का कारण कोई अधिक गर्मी तो कोई अच्छी घास पाने के लिए सूखी को जलाना तो कोई बीड़ी-सिगरेट फेंकना बता रहा है। आग से वन संपदा तो खाक हो ही रही है, साथ ही वन्य जीवों के जीवन भी संकट में हैं। जंगली जानवर जिंदगी बचाने के लिए रिहायशी इलाकों की ओर कूच करने को मजबूर हो चुके हैं। जंगलों में आग लगने से साथ सटे रिहायशी क्षेत्रों की आबोहवा में प्रदूषण बढ़ गया है।

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राजौरी के साथ लगते गंभीर, नक्का, पंजग्राई, गंभीर ब्राह्मणा, गंभीर मुगला के जंगलों में रविवार रात्रि से भड़की आग थम नहीं रही है। तेज हवा के कारण आग तेजी से एक के बाद एक कई क्षेत्रों में पड़ते जंगलों तक फैल गई है। आग पर काबू पाने के लिए वन कर्मचारियों के साथ दमकल कर्मियों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आग के कारण पूरे क्षेत्र में धुआं फैल गया है। अभी तक आग पर काबू नहीं पाया है। अभी भी जंगल धू-धू कर जल रहे हैं। आग की लपटें दूर-दूर तक दिखाई दे रही हैं।

कालाकोट में कलर-दो खाड़ी के जंगल में फैली आग रैनथल, चंगी के जंगल में पहुंच गई है। देर रात तक जंगल में आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया। ग्रामीण बलवंत शर्मा, अश्विनी कुमार, सुरेश कुमार, अशोक कुमार ने बताया कि जंगल में आग ने जो रफ्तार पकड़ी है वह आग जल्द बुझने वाली नहीं है। जंगली जानवर भी रिहायशी इलाकों का रुख करने लगे हैं। बहुत से जंगली जानवर गांव में घरों के आसपास देखे जा रहे हैं। आग का प्रकोप इसी तरह जारी रहा तो वन संपदा को काफी नुकसान पहुंचेगा।

वहीं, गत शनिवार को दोपहर बाद सुंदरबनी के सीमावर्ती क्षेत्र की पंचायत अपर कांगड़ी के घने जंगलों से शुरू हुई भीषण आग ने सोमवार को भी कहर जारी रखा। नाह के ढोक बनयाड के आसपास के जंगलों में आग भड़क उठी है। अपर कांगड़ी के बाद अब ढोक बनयाड के जंगल भी धू-धू कर जल रहे हैं। कई किलोमीटर तक आग की लपटें नजर आ रही हैं। सीमावर्ती क्षेत्र की दो पंचायतों के सटे जंगलों में लगी भीषण आग से हरे-भरे जंगल जलकर राख हो गए हैं। वन विभाग और स्थानीय लोगों की तमाम कोशिशों के बाद भी आग पर अभी तक काबू नहीं पाया जा सका। वार्ड नंबर पांच की पंच ममता बंगवाल ने कहा कि लोग घास के चक्कर में जंगलों में आग लगा देते हैं, जिससे हर बार करोड़ों की वन संपदा, जीव-जंतुओं को भारी नुकसान पहुंचता है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। उपजिले में जंगलों के दहकने से अमूल्य वन संपदा और निजी संपत्ति को भारी नुकसान हो रहा है। तीन दिनों से अपर कांगड़ी के मडयाल व नाह के ढोक बनयाड की पहाड़ियों पर आग का तांडव देखने को मिल रहा है। जंगलों के जलने से साथ लगते गांव में चारों ओर धुआं ही धुआं इकट्ठा हो गया है। वन विभाग की टीम ने आग पर काबू पाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है, लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा सका। जहां कहीं भी आग की घटना जंगल में दिखाई दे रही है वहां उस पर तुरंत काबू पाने का प्रयास किया जा रहा है। जल्द ही आग पर काबू पा लिया जाएगा।

- राकेश वर्मा्र रेंज अधिकारी, वन विभाग सड़क के किनारे किनारे आग पर काबू पाया जा चुका है, लेकिन सड़क से दूर जंगलों में आग अभी भी जारी है।

- मुहम्मद मकबूल, दमकल विभाग राजौरी के स्टेशन प्रभारी


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