चिंगस के जंगलों में लगी आग, वन संपदा को भारी नुकसान
जागरण संवाददाता राजौरी जंगलों में आग के मामलों में दिनोंदिन बढ़ोतरी हो रही है। इससे
जागरण संवाददाता, राजौरी : जंगलों में आग के मामलों में दिनोंदिन बढ़ोतरी हो रही है। इससे करोड़ों रुपये की वन संपदा जलकर राख हो रही है। हर वर्ष जंगलों में आग लगती है, लेकिन वन विभाग के पास अभी तक आग पर काबू पाने के लिए उपकरण ही नहीं है। विभाग के कर्मचारी पेड़ों की टहनियों को तोड़कर आग के ऊपर मारकर आग पर काबू पाने का प्रयास करते हैं। इससे आग पर काबू पाना खतरे से खाली नहीं है। अब चिगस के जंगलों में आग लगी हुई है। इस आग पर काबू पाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अभी तक आग पर काबू नहीं पाया गया है। आग सड़क से दूर है और दमकल का वाहन वहां तक नहीं पहुंच पा रहा। इससे आग की लपटें दूर दूर से दिखाई दे रही हैं।
जानकारी के अनुसार शुक्रवार को दोपहर बाद किसी अज्ञात व्यक्ति ने जंगल में आग लगा दी और कुछ ही समय में आग ने काफी अधिक वन क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया। वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंच कर आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन आग बढ़ती ही जा रही है। क्योंकि जंगल के जिस क्षेत्र में आग लगी हुई है वह सड़क से दूर है। वन विभाग के पास संसाधनों की भारी कमी :
वन विभाग के पास आग पर काबू पाने के लिए संसाधनों की भारी कमी है। जैसे ही जंगल में आग की सूचना मिलती है, उसी समय वन कर्मी आग पर काबू पाने के लिए पहुंच जाते हैं, लेकिन उनके पास कोई भी उपकरण न होने से वे हरे पेड़ों की टहनियों को तोड़कर आग के ऊपर मारकर आग पर काबू करने का प्रयास करते हैं, लेकिन यह कार्य खतरे से खाली नहीं है। मात्र लोगों को जागरूक ही कर रहा वन विभाग : जंगलों के आसपास रहने वाले लोगों को वन विभाग द्वारा हर वर्ष गर्मी के मौसम में जागरूक किया जाता है कि जंगलों में न जाएं। जाएं तो जंगलों में आग न लगाएं, न ही जंगल में धूमपान करें। परंतु विभाग जागरूकता के साथ-साथ जंगलों के आसपास रहने वाले लोगों को अगर आग पर काबू पाने के लिए कुछ उपकरण दे दे तो काफी हद तक आग की घटनाओं पर समय पर ही काबू पाया जा सकता है। अधिक घास के चक्कर में लगाई जाती है आग : जंगलों के आसपास रहने वाले लोग अधिक घास के लालच में जंगलों में आग लगा देते हैं, ताकि बेहतर घास हो और मवेशियों के चारे की कोई कमी न हो। जंगलों में आग जमीन पर गिरे चीड़ के पत्तों को जलाने के लिए व पुरानी घास को साफ करने के लिए लगाई जाती है और यह आग जंगल को अपनी चपेट में ले लेती है। इससे जंगलों का भारी नुकसान हो रहा है। आग की घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। हमारे कर्मी दिन-रात आग पर काबू पाने के प्रयासों में जुटे रहते हैं। हमारे पास आग पर काबू पाने के उपकरणों की कमी है। हमने उच्च अधिकारियों से उपकरणों की मांग कर रखी है, ताकि हमें आग पर काबू पाने के कार्य में बेहतर मदद मिल सके।
- राकेश सर्राफ, डीएफओ