कोकून की बेहतर पैदावार से अच्छा मुनाफा कमा रहे सुंदरबनी के किसान
कस्बे में स्थित सेरीकल्चर हाल में आयोजित कोकून मंडी में कोकून की अच्छी कीमत मिलने से स्थानीय किसान काफी उत्साहित हैं। गुणवत्ता के मामले में सुंदरबनी की कोकून देशभर में अव्वल है। कोकून की खरीदारी के लिए दूसरे राज्यों से काफी संख्या में व्यापारी पहुंचे हैं।
संवाद सहयोगी, सुंदरबनी : कस्बे में स्थित सेरीकल्चर हाल में आयोजित कोकून मंडी में कोकून की अच्छी कीमत मिलने से स्थानीय किसान काफी उत्साहित हैं। गुणवत्ता के मामले में सुंदरबनी की कोकून देशभर में अव्वल है। कोकून की खरीदारी के लिए दूसरे राज्यों से काफी संख्या में व्यापारी पहुंचे हैं।
सुंदरबनी सेरीकल्चर हाल में कोकून बेचने के लिए पहुंचे ताला टांडा के किसान सुभाष चंद्र ने बताया कि पहले की तुलना में आज कोकून की अच्छी कीमत मिल रही है। पहली बार कोकून प्रति किलो एक हजार से 1660 रुपये में बिक रही है। इससे किसान उत्साहित हैं। उन्होंने बताया कि जिस किसान की कोकून की पैदावार अच्छी हुई है उसे अच्छे दाम मिल रहे हैं। पहली बार किसानों को उनकी मेहनत का पूरा लाभ मिल रहा है। सुभाष चंद्र ने बताया कि पिछले दो-तीन वर्षों से कोरोना महामारी के दौरान कीमत बहुत कम मिल रही थी। इसके कारण अधिकतर किसानों ने कीट पालन ही नहीं किया। वह पिछले 18 वर्षों से खुपटी पालन से जुड़े हुए हैं।
किसान अशोक कुमार ने बताया कि पहली बार मंडी में कोकून के दाम उच्चतम स्तर पर मिलने से किसानों में काफी खुशी है। वह 27 वर्षों से रेशम के कीड़े पाल रहा हूं। हर बार सुंदरबनी में रेट पांच सौ से 9सौ के बीच रहता था। वहीं किसान राजेंद्र शूर ने मंडी में कोकून की कीमत सही नहीं मिलने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जम्मू व ऊधमपुर में 2000 से 2500 रुपये कोकून बिक रही है और सुंदरबनी में किसानों को उसके मुकाबले बहुत कम दाम मिल रहे हैं। ए ग्रेड कोकून की भी ठेकेदार अच्छी कीमत नहीं लगा रहे हैं। इससे किसानों को नुकसान हो रहा है। उन्होंने बताया कि जब विभाग के अधिकारी उन्हें रेशम के कीड़े देने गांव में आते हैं तो अश्वासन दिया जाता है कि उन्हें अधिक से अधिक दाम दिया जाएगा, लेकिन जैसे ही कोकून तैयार होकर मंडी में बिकने के लिए आती है तो किसानों के साथ कोई भी अधिकारी बातचीत करना भी उचित नहीं समझता है।
कोकून का उत्पादन कर आत्मनिर्भर बन रहे किसान : हरबंस लाल
सेरीकल्चर विभाग के तहसील अधिकारी हरबंस लाल ने बताया कि विभाग किसानों को खुपटी उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करता रहता है। खुपटी उत्पादन किसानों की अतिरिक्त आय का सबसे अच्छा साधन है। यह सच है कि पिछले एक-दो वर्ष में कोरोना महामारी के चलते किसान प्रभावित हुआ था, लेकिन इस बार किसानों को कोकून के अच्छे दाम मिल रहे हैं। क्षेत्र के सैकड़ों किसान कोकून उत्पादन कर आत्मनिर्भर की ओर आगे बढ़ रहे हैं।