गांवों में तेजी से बढ़ रहा कोरोना संक्रमण, प्रशासन की बढ़ी चिंता
जागरण संवादाता राजौरी कुछ दिन पहले जिले के शहरी क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण के अ
जागरण संवादाता, राजौरी : कुछ दिन पहले जिले के शहरी क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण के अधिक मामले सामने आ रहे थे, लेकिन अब ग्रामीण क्षेत्रों में मामले बढ़े हैं। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक मामले सामने आने से प्रशासन के हाथ-पांव फूलने लगे हैं। अगर इसी रफ्तार से ग्रामीण क्षेत्रों में मामले बढ़ते रहे तो आने वाले दिन काफी मुश्किल भरे साबित हो सकते हैं, क्योंकि गांवों में शहरी क्षेत्रों जैसी स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं हैं। गांवों से जिला अस्पताल या फिर मेडिकल कालेज पहुंचने में ही काफी समय लग जाता है और कई स्वास्थ्य केंद्र ऐसे भी हैं, जिनमें एंबुलेंस की सुविधा तक नहीं है।
बात पिछले तीन दिनों की करते हैं। 21 मई को जिले में 155 नए कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए थे। इनमें से दस शहरी क्षेत्रों के थे और 145 ग्रामीण क्षेत्रों से। इसी तरह से 22 मई को 119 मामले आए, जिनमें से पांच शहरी क्षेत्र के और 114 ग्रामीण क्षेत्र के थे। वहीं, रविवार को जिले में कोरोना के 96 नए मामले सामने आए है, जिनमें से शहरी क्षेत्र के दस और ग्रामीण क्षेत्र के 86 मामले हैं। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोरोना ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहा है।
प्रशासन हर गांव में पांच बेड का विशेष वार्ड बना रहा है, लेकिन वहां पर मरीज को देखेगा कौन। अगर किसी मरीज को आक्सीजन की जरूरत पड़ती है तो उसे किस तरह से मिलेगी। इसका अभी कोई प्रबंध नहीं है। अधिक तकलीफ होने पर मरीज को मेडिकल कालेज में ही लाया जाएगा। इसके लिए एंबुलेंस का प्रबंध किस तरह से होगा, क्योंकि अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों में एंबुलेंस ही नहीं है। अब प्रशासन हर गांव में कोरोना की जांच के लिए विशेष टीमों को भेज रहा है, लेकिन गांवों में घर अधिक दूर होने के कारण टेस्ट करने में भी काफी दिक्कतों का सामना टीम में शामिल कर्मियों को करना पड़ा रहा है। अगर गांवों में पूरी तरह से कोरोना फैल जाता है तो इसको काबू करना किसी कठिन चुनौती से कम नहीं होगा।
इस संबंध में बात करने पर जिला उपायुक्त राजेश कुमार शवन का कहना है कि गांवों में कोरोना के अधिक मामले सामने आ रहे हैं। हमारा पूरा ध्यान ग्रामीण क्षेत्रों पर है। यह प्रयास किया जा रहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक टेस्ट करवाए जाएं और जो लोग लक्षण वाले हैं, उन्हें जल्द से जल्द उपचार दिया जाए।