61 वर्ष से अधर में लटका साढ़े तीन किलोमीटर मार्ग का निर्माण
जिले की कोटरंका तहसील में पहाड़ों से घिरे दूर दराज के इलाके में स्थित पंजनाड़ा गांव में रहने वाले करीब दो हजार लोग एक सड़क परियोजना के पूरा होने का इंतजार 1960 से कर रहे है। सड़क का काम 1960 में शुरू हुआ था और बाद में इसे 2009 में एक नियमित सड़क परियोजना के रूप में लिया गया। वर्ष 2009 में 196.80 लाख रुपये की अनुमानित लागत से मंदिर गल से पांजनाड़ा तक सड़क का निर्माण शुरू हुआ था।
जागरण संवाददाता, राजौरी : जिले की कोटरंका तहसील में पहाड़ों से घिरे दूर दराज के इलाके में स्थित, पंजनाड़ा गांव में रहने वाले करीब दो हजार लोग एक सड़क परियोजना के पूरा होने का इंतजार 1960 से कर रहे है। सड़क का काम 1960 में शुरू हुआ था और बाद में इसे 2009 में एक नियमित सड़क परियोजना के रूप में लिया गया। वर्ष 2009 में 196.80 लाख रुपये की अनुमानित लागत से मंदिर गल से पांजनाड़ा तक सड़क का निर्माण शुरू हुआ था। 20.12 लाख की धनराशि भी जारी की गई। सड़क का शिलान्यास भी 24 अक्टूबर 2009 को राजौरी डिवीजन के लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में विधायक दरहाल विधानसभा क्षेत्र चौधरी जुल्फकार अली की ओर से किया गया था। इस सड़क की कुल लंबाई साढे तीन किलोमीटर है और कुछ हिस्सा अब तक अधूरा है। इसमें डेढ़ किलोमीटर की मेटलिग, 02.00 किलोमीटर की शिफ्टिग और 0.50 किलोमीटर सड़क को मौसम के अनुसार तैयार करना है। लंबित कार्य में तारकोल बिछाने, मेटलिग और नाले व सुरक्षा दीवार का काम बचा हुआ है। इसके साथ ही छह मीटर की एक पुलिया और साढे तीन सौ मीटर की सुरक्षा दीवार भी लंबित है।
धार सकरी पंचायत के पूर्व सरपंच अजाज अहमद सहित क्षेत्र के स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि विभाग के लिए यह सड़क सोने की खान बन गई है और हर साल मार्च के महीने में प्रगति दिखाने के लिए सड़क पर कुछ काम किया जाता है। उसके बाद फिर से काम बंद कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सड़क परियोजना 2009 में शुरू की गई थी, लेकिन यह वास्तविक निर्माण वर्ष 1960 में शुरू हुआ था, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं बदला। पंजनाड़ा गांव के लगभग दो हजार लोग, जहां कोई और सड़क संपर्क नहीं है, इस सड़क परियोजना के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं और इंतजार है कि खत्म नहीं हो रहा है।
इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के एईई रोमेश कुमार का कहना है कि सड़क के कार्य में इतनी देरी क्यों हुई है, इसकी जांच होगी और विभाग के अधिकारियों से बैठक करके जल्द ही इस कार्य को पूरा करवाने का प्रयास किया जाएगा।