Move to Jagran APP

मेडिकल कॉलेज बनने के बाद भी नहीं बदले हालात

जागरण संवाददाता राजौरी जिला अस्पताल राजौरी का दर्जा बढ़ाकर 2018 में इसे मेडिकल कॉले

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 07:51 AM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 07:51 AM (IST)
मेडिकल कॉलेज बनने के बाद भी नहीं बदले हालात
मेडिकल कॉलेज बनने के बाद भी नहीं बदले हालात

जागरण संवाददाता, राजौरी : जिला अस्पताल राजौरी का दर्जा बढ़ाकर 2018 में इसे मेडिकल कॉलेज बना दिया गया, लेकिन हालात में कोई सुधार नहीं हुआ। जैसे जिला अस्पताल चल रहा था, उससे भी खराब हालत में मेडिकल कॉलेज चल रहा है। पहले भी जिला अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले मरीजों को राजकीय मेडिकल कॉलेज जम्मू रेफर कर दिया जाता था और आज भी यही हालत है। छह वर्ष से सिटी स्कैन की मशीन बंद पड़ी हुई है। आज तक इस मशीन को चलाने के लिए कोई भी कदम नहीं उठाया गया।

loksabha election banner

इसके अलावा मेडिकल कॉलेज में कई शौचालय बंद पड़े हुए हैं। जो खुले हैं, उनकी हालत भी काफी जर्जर हो चुकी है। इसके बावजूद इस ओर कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इससे मेडिकल कॉलेज राजौरी में उपचार के लिए आने वाले लोगों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

जिला अस्पताल जो अब मेडिकल कॉलेज बन गया है, यहां पर छह वर्ष पहले मरीजों की सुविधा के लिए सिटी स्कैन मशीन लगाई गई थी, लेकिन चंद दिन चलने के बाद यह मशीन खराब हो गई और आज तक यह मशीन ठीक नहीं हो पाई। सिटी स्कैन करवाने के लिए पुंछ जिले के साथ-साथ रियासी जिले के कुछ क्षेत्रों के लोग यहां आते थे, लेकिन अब सभी को उपचार के लिए जम्मू जाना पड़ता है। लेकिन विभाग इस मशीन को ठीक करवाने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा है।

मेडिकल कॉलेज में कई शौचालय बने हुए हैं। मरीजों के उपयोग के लिए जो शौचालय हैं, उनमें से अधिकतर बंद ही रहते हैं। जो इक्का-दुक्का खुले हैं, वे भी काफी जर्जर हालत में हैं। उनके अंदर जाना भी मुश्किल हो जाता है। लेकिन बंद पड़े शौचालयों को चलाने के लिए कोई भी प्रयास नहीं किया जा रहा है। 2018 में जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज बनाया गया था

2018 में जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज बना दिया गया। यहां पर कक्षाओं को शुरू कर दिया गया। इससे पहले 22 डॉक्टर तैनात थे और अब इन डॉक्टरों की संख्या 65 हो चुकी है, लेकिन फिर भी छोटी से छोटी बीमारी के मरीज को जम्मू ही रेफर किया जाता है। इससे लोगों को मेडिकल कॉलेज का कोई भी लाभ नहीं मिल रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जिला अस्पताल के समय लोगों को कुछ सुविधाएं मिलती थीं, लेकिन अब तो कुछ भी नहीं मिलतीं। मात्र नाम का ही मेडिकल कॉलेज बना है। मेडिकल कॉलेज को बेहतर ढंग से चलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। जल्द ही सिटी स्कैन मशीन भी कार्य करना शुरू कर देगी। इतना ही नहीं मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें, इसका प्रयास हो रहा है। जो शौचालय बंद हैं उन्हें भी जल्द ही शुरू करवा दिया जाएगा।

डॉक्टर कुलदीप सिंह, प्रिसिपल, मेडिकल कॉलेज राजौरी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.